कश्मीर पर क्या है रूस का रुख?
कश्मीर मामले में रूस ने संयुक्त राष्ट्र प्रावधान के तहत हल निकालने की बात कही है.साथ ही रूस ने मामले को भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला बताया है और साथ ही कहा कि दोनों देशों को यूएन प्रस्तावों के अनुरूप विवाद को सुलझाना चाहिए.
कश्मीर मामले पर 16 अगस्त को बंद कमरे में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान रूस ने उम्मीद भरे स्वर में कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मामले का समाधान द्विपक्षीय वार्ता, शिमला समझौते और यूएन प्रस्तावों के अनुरूप करना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र में रूस के उप-स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलिंस्की ने ट्वीट किया, “रूस लगातार भारत और पाकिस्तान संबंधों में सामान्यीकरण को बढ़ावा देता आ रहा है. हमें उम्मीद है कि कश्मीर में मौजूदा मसले का समाधान शिमला समझौता 1972, लाहौर प्रस्तावना और भारत -पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौते से होगा.”
अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ हमारे अच्छे दोस्ताना संबंध हैं. हमारा कोई भी छुपा हुए एजेंडा नहीं है. इसलिए हम खुले दिल से भारत और पाकिस्तान के साथ संवाद कायम करते हैं कि ताकि दोनों के बीच अच्छे पड़ोसी रिश्ते कामय हो सकें.”
पाकिस्तान द्वारा मामले में अंतरराष्ट्रीय मदद मांगे जाने का भारत यह कहते हुए विरोध कर रहा है ये भारत का आंतरिक मामला है. साथ ही भारत शिमला समझौते और लाहौर प्रस्तावना का भी सहारा ले रहा है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार (13 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत के कदम पर चर्चा करने के लिए औपचारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित करने की मांग की थी. जिसके बाद कल कश्मीर मामले पर बंद कमरे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक संपन्न हुई.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के राजदूत और स्थायी सदस्य सैयद अकबरूद्दीन ने कल बैठक के बाद कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 से जुड़े मामले को लेकर हमारे देश का पक्ष पहले की तरह है कि यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.