मौलाना मसूद अजहर पर पाकिस्तान के साथ सऊदी अरब
सऊदी अरब और पाकिस्तान ने भारत से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट किए जाने वाली व्यवस्था का राजनीतिकरण नहीं किया जाए. यह बात सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के भारत दौरे से ठीक पहले दोनों देश की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कही गई है.
सऊदी अरब और पाकिस्तान की तरफ से यह विरोध ऐसे वक्त पर देखने को मिला है जब भारत
मौलाना मसूद अजहर को
वैश्विक आतंकवादी करार दिए जाने को लेकर पूरी कोशिश में है.
हालांकि जैश प्रमुख अजहर को लेकर इस बयान के आने से पहले भारत के विदेश सचिव (आर्थिक संबंध) टीएस त्रिमूर्ति ने कहा था, “आंतकवाद को लेकर सऊदी अरब ने हमारे साथ काफी बेहतर समझदारी दिखाई है. इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सऊदी भारत के साथ है.”
जाहिर है कि सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच आया संयुक्त बयान भारत के रणनीतिक हितों के लिए तगड़ा झटका है. दोनों देशों के इस संयुक्त बयान से पता चलता है कि केंद्र सरकार के दावे के उलट सऊदी अरब मसूद अजहर के मामले में पाकिस्तान के साथ है.
14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने अपने ऊपर ली है. इस भीषण आतंकी हमले में करीबन 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए. कश्मीर में पिछले तीन दशक के इतिहास में यह सबसे बड़ी आतंकी गतिविधि रही है.
इसके साथ ही चीन भी जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की कोशिश में रोड़े अटका रहा है. चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित किए जाने के प्रयास को रोकता रहा है.
संयुक्त बयान में सऊदी प्रिंस ने भारत के साथ वार्ता और सिक्ख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियार खोले जाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तारीफ की है.