भूमि अधिग्रहण कानून में लाए गए बदलावों को पहले की तरह करें: राहुल गांधी


 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के अपने मुख्यमंत्रियों को उन बदलावों को पहले की तरह ही करने को कहा है जो पिछली बीजेपी सरकारों ने भूमि अधिग्रहण कानून और संबंधित नियमों को लेकर किए थे.

राहुल ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है.

उन्होंने कहा कि आदिवासियों और वनवासियों के अधिकारों को पूरी तरह से वन अधिकार अधिनियम के तहत संरक्षित किया गया है. यह विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चल रहे मामलों में से है. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने आदिवासियों को हटाने और कानून की वैधता को चुनौती देने के लिए कहा है.

अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे राहुल गांधी के पत्र से यह जानकारी हासिल हुई है.

राहुल गांधी ने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से प्रत्येक को अलग-अलग लेकिन इसी तरह के पत्र लिखे हैं.

जिसमें उन्होंने कहा है, “मोदी सरकार ने 2015 में भूमि अधिग्रहण कानून को गंभीर रूप से कमजोर करने की कोशिश की और इसके प्रावधानों को समाप्त कर दिया. कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के दबाव में सरकार इन संशोधनों को वापस लेने के लिए मजबूर हुई थी. हालांकि कुछ ही समय बाद बीजेपी सरकार ने जिन राज्यों में उसकी पार्टी की सरकार थी, उनसे आग्रह किया कि वो राज्य के कानूनों, नियमों और प्रथाओं के माध्यम से उपयुक्त कानून को कमजोर कर दें.”

सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में राहुल गांधी द्वारा उनके पत्र में उल्लेखित एक केस पर सुनवाई हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्यों से रिपोर्ट मांगी थी कि आदिवासियों और अन्य वनवासियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? जिनके वन भूमि पर पारंपरिक दावे को अधिकारियों ने खारिज कर दिया था.


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