कथित हिंदू और देश विरोधी ऑनलाइन कार्यक्रमों पर रोक लगाना चाहता है संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिनिधि कथित भारत विरोधी और हिंदू धर्म सामग्री के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स नेटफ्लिक्स और अमेजन के अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं. साथ ही वे भारत की असली संस्कृति और मूल्यों को दिखाने के लिए भी कह रहे हैं.
वेबसाइट इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार आरएसएस के प्रतिनिधियों ने पिछले चार महीनों में ऐसी छह मुलाकातें की हैं. वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी हाल ही में कहा है कि उन्होंने ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेट प्रोवाइडर्स (ओसीसीपी) के नियमन और प्रमाणन पर चर्चा करने के लिए हितधारकों से बात की है और फिल्म सर्टिफेकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 12 अक्टूबर को इसके लिए एक बैठक निर्धारित की है.
बताया जा रहा है कि आरएसएस कश्मीर पर भारतीय रवैये की आलोचना करने वाले कंटेट और हिंदू तथा भारतीय सेना के प्रति अपमानजनक सामग्री के ऑनलाइन प्रसारण पर रोक लगाना चाहता है. वहीं अभी ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेट प्रोवाइडर्स की तरफ से इस मामले में को प्रतिक्रिया नहीं आई है.
यह भी कहा जा रहा है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ऑनलाइन कार्यक्रमों में लिंचिंग को हिंदू राष्ट्रवादियों से जोड़कर दिखाने से चिंतित हैं. उनका कहना है कि ऐसा करने से बुरी ताकतों को अल्पसंख्यकों की भावनाओं का शोषण करने का मौका मिलता है.
वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि मंत्रालय वीडियो ऑन डिमांड (वीओडी) की स्वतंत्रता को प्रभावित किए बिना मुद्दे को हल करने का रास्ता खोज रहा है.
अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन कंटेट प्रसारण करने वाले बड़े प्लेयर्स तो टायर-2 टीवी स्टाइल नियमन के लिए राजी हो सकते हैं लेकिन आर्थिक निहितार्थों के चलते छोटे प्लेयर्स इसका विरोध कर सकते हैं.