26 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति का सत्याग्रह
राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति द्वारा आयोजित राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में 26 सूत्री प्रस्ताव को लागू करने के लिए अप्रैल या मई 2020 में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करने का फैसला लिया गया है.
राष्ट्रीय किसान सम्मेलन 12,13,14 नवंबर को सेवाग्राम में सम्पन्न हुआ था जिसमें 14 राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित थे. सम्मेलन के विविध सत्रों में साथियों ने किसान और किसान आंदोलन के सामने चुनौतियों पर अपनी बात रखी. साथ ही उनके प्रदेश में किसान आंदोलन की चल रही गतिविधियों की चर्चा की.
देश में किसानों की लगातार बिगड़ती स्थिति और सरकार का उपेक्षा पूर्ण रवैया से चिंता व्यक्त करते हुए साथियों ने राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति द्वारा बनाई गई कृषि नीति और 26 सूत्री प्रस्ताव को महत्व पूर्ण योगदान बताते हुए उसे लागू करने के लिए संघर्ष करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उसके लिए किसानों के बीच जाकर विचार प्रसार करने और राष्ट्रीय आंदोलन खड़ा करने पर जोर दिया.
सम्मेलन में इस बात पर विशेष तौर पर चिंता व्यक्त की गई कि भारत सरकार द्वारा कृषि संशोधन, प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए किए गए समझौते में नौ बहुराष्ट्रीय कम्पनियां शामिल हैं जिसके तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि महाविद्यालयों में संशोधन किया जा रहा है. यह भारतीय कृषि को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को सौंपने की योजना है.
इन चिंताओं के संदर्भ में सम्मेलन के दौरान समझौता रद्द करने की मांग की गई.
छत्तीसगढ़ में 2500 रुपयों प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद करने के लिए केंद्र सरकार दिक्कतें पैदा कर रही हैं. उसका विरोध करने की मांग की गई. सरकार की किसान विरोधी बीज नीति के खिलाफ आंदोलन करने की बात रखी गई. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कंपनियों द्वारा किसानों की लूट का विरोध में आंदोलन की बात कही गई. किसानों की लूट करने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का घेराव करने की मांग दोहराई गई.
सम्मेलन में जो कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए उनमें किसानों को उनका हक प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कुल बजट में 50 प्रतिशत बजट किसान और कृषि के लिए रखने की मांग की गई. इसके लिए राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति की तरफ से सरकार को फिर से पत्र लिखा जाएगा और इस मांग को लेकर बजट सत्र के पहले दिल्ली में प्रदर्शन किया जाएगा.
इसके अलावा राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति 26 सूत्री प्रस्ताव को लागू करने के लिए अप्रैल या मई 2020 में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करेगी. उसके पहले सरकार को पत्र लिखा जाएगा.
सरकार के सामने जिन 26 सूत्री प्रस्तावों को रखा गया है वो निम्न प्रकार से हैं-
1. सभी फसलों का नई, वैज्ञानिक, पारदर्शी पद्धती से उत्पादन मूल्य का निर्धारण. बाजार या सरकारी खरीद में निर्धारित मूल्य न मिलने की स्थिति में किसान को नुकसान की अंतर राशि देने की व्यवस्था
2. कृषि कार्य के लिये आजिविका मूल्य प्राप्त करना किसान का मौलिक अधिकार. किसान को एक देश, एक श्रम मूल्य के आधार पर श्रम मूल्य मिले.
3. प्राकृतिक संपदा पर समुदाय का अधिकार. ग्रामसभा की अनुमती व समुदाय की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए.
4. कृषि आधारित जीरो तकनीक तथा लघु पूंजी में चलनेवाले हथकरघा, कुटीर एवं लघु उद्योगों को संरक्षण एवं प्रोत्साहन और इस क्षेत्र में बहूराष्ट्रीय कम्पनियों के उत्पादन पर पाबंदी.
5. हर हाथ को काम या जीवन निर्वाह भत्ता.
6. कृषि भूमी का गैर कृषि कार्य के लिये या ठेके की खेती/कार्पोरेट खेती के लिये उपयोग या अधिग्रहण पर रोक.
7. कृषि भूमि किसान की. भूदान, अनुत्पादक संस्थानों व कम्पनियों की अतिरिक्त जमीन का भूमिहीनों में बंटवारा.
8. कॉर्पोरेट समर्थक आंतरराष्ट्रीय व्यापार व वित्तिय एजेंसियों को कृषि नीति में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं.
9. किसानों की लूट रोकने के लिए कम्पनियों के कृषि लागत उत्पादों की किमतों पर नियंत्रण.
10. खेती के लिए कर्ज नहीं, कृषि सहयोग राशि मिले.
11. किसानों से कर्ज वसूली के जुल्मी कानून रद्द हो. ब्याजमुक्त कर्ज दिया जाए.
12. आयात निर्यात नीतियों के दुरुपयोग पर रोक और कृषि उपज की जमाखोरी पर प्रतिबंध.
13. कृषि उपज मंडियों पर किसान का अधिकार. दलालों, व्यापारीयों व कार्पोरेट्स की लूट पर रोक.
14. रासायनिक खेती मुक्त भारत. कम लागत, स्वस्थ जमीन, स्वस्थ भोजन हेतु प्राकृतिक खेती के लिए सब्सिडी.
15. बीज पर अधिकार किसान का, कम्पनियों का नही। किसान को लूटनेवाली पेटेन्ट व्यवस्था, जीएम पर पाबंदी.
16. किसानों को लूटनेवाली फसल बीमा योजना मंजूर नही। प्राकृतिक आपदा में सीधे मिले पूरी क्षतिपूर्ति.
17. खाद्यान्य आत्मनिर्भरता, सुरक्षा एवं स्वावलंबन के लिए खेती की प्राथमिकता हो. निर्यातोन्मुखी कृषि उत्पादन और वैकल्पिक इंधन के लिए भूमि व जल के उपयोग पर रोक.
18. उद्योग व व्यापार के लिए सिंचाई के पानी का हस्तांतरण, पानी का व्यापार व पानी की कार्पोरेटी लूट पर पाबंदी.
19. उत्पादित उर्जा का गांव व खेती के लिए आरक्षण. वैकल्पिक उर्जा के उपयोग में प्रोत्साहन.
20. नई प्राकृतिक खेती के लिए गाय, बैल और गोचर भूमि की रक्षा. गोपालक किसानों को विशेष अनुदान.
21. संपूर्ण शराब एवं नशा बंदी.
22. कृषि कार्य में किसानों को हक प्रदान करने के लिए स्वतंत्र कृषि बजट.
23. केंद्र व राज्य सरकारों के कुल बजट में किसान व कृषि के लिए 50 प्रतिशत बजट का प्रावधान.
24. सम्पत्ति की अधिकतम सीमा रेखा, अमीरी रेखा बनाई जाए.
25. कृषि योजनाओं का लाभ किसानों को मिलने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी व्यवस्था. भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई.
26. खेती की आमदनी पर इनकम टैक्स की छूट का लाभ उठानेवाले गैर किसानों पर खेती और विभिन्न व्यवसायों से प्राप्त एकत्रित इनकम पर टैक्स लगाया जाए.