सेंसेक्स, निफ्टी में छह माह की सबसे बड़ी गिरावट
अमेरिका-ईरान में जारी तनाव के बीच निवेशकों की बिकवाली से बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 788 अंक टूट गया. पिछले छह माह में सेंसेक्स में यह सबसे बड़ी गिरावट रही. निवेशक इस समय शेयरों की बिकवाली कर के अपने धन को सोने जैसी निवेश की सुरक्षित प्रतिभूतियों, संपत्तियों में लगाना बेहतर समझ रहे हैं.
कारोबार की समाप्ति पर बीएसई सेंसेक्स 787.98 अंक यानी 1.90 प्रतिशत गिरकर 40,676.63 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स में आठ जुलाई 2019 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट रही. कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई और दिन चढ़ने के साथ ही इसमें गिरावट बढ़ती गई. इस दौरान एक समय सेंसेक्स 40,613.96 अंक तक नीचे चला गया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी कारोबार की समाप्ति पर 233.60 अंक यानी 1.91 प्रतिशत गिरकर 11,993.05 अंक पर बंद हुआ.
बीएसई सेंसेक्स में शामिल शेयरों में बजाज फाइनेंस में सबसे ज्यादा 4.63 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इसके बाद एसबीआई, इंडसइंड बैंक, मारुति, एचडीएफसी, हीरो मोटोकार्प, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी गिरावट रही.
हालांकि, गिरावट के रुझान के बावजूद टाइटन और पावर ग्रिड के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई.
अलग अलग उद्योग क्षेत्रों की घटबढ़ दिखाने वाले सूचकांक में भी ज्यादातर में गिरावट रही. बीएसई धातु, वित्त, रियल्टी, बैंकेक्स, ऊर्जा, वाहन, तेल एवं गैस, पूंजीगत सामान और स्वास्थ्य क्षेत्र के सूचकांकों में करीब तीन प्रतिशत तक की गिरावट रही.
अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव से जहां एक तरफ कच्चे तेल के दाम बढ़ने की चिंता निवेशकों में रही वहीं डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की दर में गिरावट का भी धारणा पर असर रहा. डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे गिरकर 71.93 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ वहीं कच्चे तेल का ब्रेंट क्रुड का भाव 69.64 डालर प्रति बैरल पर 1.37 प्रतिशत ऊंचा रहा.
जियोजित फाइनेंसियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘वास्तविक स्थितियां अस्थिर बनी हुई है. वैश्विक बाजारों में शंका है कि अमेरिका-ईरान के बीच तनाव बढ़ सकता है. निवेशक अपनी मौजूदा स्थिति को समेटने में लगे हैं और तेल अथवा सोने जैसी दूसरी संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं.’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी दी है. ट्रंप ने कहा है कि यदि तेहरान ने अमेरिका के खिलाफ बदले की कारवाई की तो उसके खिलाफ भीषण कार्रवाई की जाएगी. वैश्विक बाजारों में इसको लेकर आशंका व्याप्त है.
शंघाई, हांग कांग, टोक्यो और सोल के बाजारों में भी गिरावट रही. यूरोपीय बाजारों में भी शुरुआत गिरावट के साथ रही.