अधिकारियों के अनुरोध के बाद शरद पवार ने ईडी कार्यालय जाने की योजना बदली
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने 25 सितंबर को कहा था कि वे मुंबई स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय खुद जाएंगे. लेकिन अब अधिकारियों के अनुरोध के बाद शरद पवार ने ईडी कार्यालय जाने की योजना बदल दी है.
पवार सहकारी बैंक में 25 हजार करोड़ रुपये से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित जानकारी देने के लिए मुंबई में एजेंसी के बालार्ड इस्टेट स्थित दफ्तर जाने वाले थे.
पवार ने एक बयान में कहा कि ईडी द्वारा उन्हें कहा गया कि उन्हें आने की जरूरत नहीं है इसलिए शहर की कानून व्यवस्था का ख्याल रखते हुए उन्होंने ईडी ऑफिस ना जाने का फैसला किया.
प्रवर्तन निदेशालय ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को ईमेल भेजकर सूचना दी है कि मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में चल रही जांच के तहत 27 सितंबर को उन्हें बयान देने की जरूरत नहीं है और आवश्यक होने पर उन्हें बुलाया जाएगा.
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के भ्रष्टाचार से जुड़े धनशोधन मामले में पवार का नाम भी है.
मुंबई पुलिस आयुक्त संजय बार्वे ने पवार से उनके आवास पर मुलाकात की और उनसे ईडी नहीं जाने का अनुरोध किया क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने इससे पहले कहा था कि वह 27 सितंबर को दोपहर दो बजे स्वेच्छा से ईडी दफ्तर जाएंगे और इस संबंध में जो भी जानकारी मांगी जाएंगी वो देंगे.
हालांकि ईडी अधिकारियों ने कहा था कि किसी व्यक्ति या मामले में किसी आरोपी से पूछताछ का फैसला करना जांच अधिकारी का विशेषाधिकार होता है और ऐसे फैसले तब लिए जाते हैं, जब इसके लिए कोई कारण हो.
ईडी पीएमएलए के तहत दाखिल शिकायत के अंतर्गत महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) के पूर्व शीर्ष अधिकारियों, चेयरमैन, एमडी, निदेशकों और प्रबंधकीय कर्मियों तथा सहकारी चीनी कारखानों के पदाधिकारियों के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है.
एजेंसी ने कर्ज देने आदि में कथित अनियमितताओं के मामले में जांच करने के लिए पवार, उनके भतीजे और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार तथा 70 अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.