असम में ‘विच हंटिंग’ के मामलों में 2011 से अभी तक 107 लोगों की गई जान
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असम में पिछले आठ साल में डायन बता कर हत्या (विच हंटिंग) के मामलों में कुल 107 लोगों की जान गई है.
संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटोवारी ने शनिवार को यहां राज्य विधानसभा में यह जानकारी दी.
कांग्रेस विधायक नंदिता दास के लिखित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 2011 से 2016 के बीच ‘विच हंटिंग’ में 84 लोगों की जान गई है. बीजेपी नीत सरकार के गठन के बाद से इस साल अक्टूबर तक 23 लोग मारे गए हैं.
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की ओर से पटोवारी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में ‘असम विच हंटिंग (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम’ 2015 को अधिसूचित किया था और वह अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रही है.
पटोवारी ने सदन को बताया कि ‘बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स’ (बीटीएडी) क्षेत्राधिकार के अधीन आने वाले कोकराझार, चिरांग और उदलगुड़ी जिले में क्रमश: सबसे अधिक 22,19 और 11 लोगों की जान गई.
उन्होंने बताया कि बिस्वनाथ में नौ, गोआलपाड़ा में सात, नगांव तथा तिनसुकिया में छह-छह और कारबी आंगलोंग तथा माजुली जिले में चार-चार लोग मारे गए.
मंत्री ने बताया कि मई 2016 से अब तक ‘विच हंटिंग’ में मारे गए 23 लोगों में से 12 पुरुष और 11 महिलाएं थीं.