महाराष्ट्र में लोकतंत्र को बेशर्मी से खत्म करने की कोशिश हुई: सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर गुरुवार को बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में लोकतंत्र को खत्म करने का ‘बेशर्मी से’ प्रयास किया गया और राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर काम किया.
सूत्रों के अनुसार संसद भवन परिसर में पार्टी संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन को विफल करने का हर प्रयास किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई और मोदी-शाह सरकार पूरी तरह बेनकाब हो गयी.
उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रयासों को विफल करने के लिए तीनों पार्टियां एकजुट हैं.
गुरुवार की शाम शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के कुछ नेता भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. राज्य में तीनों पार्टियां मिलकर नई सरकार बना रही हैं.
अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सोनिया ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला.
सूत्रों के अनुसार उन्होंने कहा, ”यह स्पष्ट है कि मोदी-शाह सरकार देश के सामने पेश चुनौतियों से निपटने को लेकर बेखबर हैं. आर्थिक संकट दिन ब दिन गहराता जा रहा है. विकास दर गिर रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और कोई निवेश नहीं आ रहा है.”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”किसान और छोटे एवं मझोले कारोबारी परेशानी में हैं. मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में निवेश गिर रहा है. निर्यात गिर रहा है. जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ती जा रही हैं जिससे आम लोगों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.”
उन्होंने दावा किया, ” इन समस्याओं का निदान करने की बजाय मोदी-शाह सरकार आंकड़ों से छेड़छाड़ करने या फिर आंकड़ों को प्रकाशित नहीं करने में लगी हुई है.”
क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) समझौते का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि कांग्रेस के जोरदार ढंग से आवाज उठाने के कारण ”मोदी को अचानक और पाखंडी ढंग से गांधी के सूत्र का ज्ञान हो गया.”
उन्होंने कहा कि असम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ‘विभाजनकारी नीतियों’ का अनुसरण कर रहे है.
सोनिया ने कहा, ”नागरिकता कानून में संशोधन जैसे मुद्दे संविधान की बुनियाद पर प्रहार हैं.”
एनआरसी का उल्लेख करते हुए उन्होंने दावा किया, ”उच्चतम न्यायालय की निगरानी में असम में एनआरसी का क्रियान्वयन किया गया. इससे भाजपा-आरएसएस का एजेंडा पूरा नहीं हुआ और सत्तारूढ़ पार्टी में नए सिरे से एनआरसी की मांग उठ रही है. गृह मंत्री पूरे देश में एनआरसी की बात कर रहे हैं इससे और डर एवं अफरा-तफरी पैदा होगी.”
सोनिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में नयी शुरुआत के ‘झूठे वादे’ के साथ यह किया गया, लेकिन जमीनी हकीकत उससे बिल्कुल उलट है जो दिखाने की कोशिश हो रही है.
उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सरकार बदले की राजनीति कर रही है.
सोनिया ने कहा, ”हम अपने लिए नहीं, बल्कि संविधान, उदारवादी एवं बहुलवादी लोकतंत्र और देश एवं जनता के लिए लड़ेंगे.”