जेएनयू में रात 11.30 बजे के बाद हॉस्टल में ही रहेंगे छात्र


intellectuals protested against charge sheet issued to jnu teachers

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जवाहरलाल नहरू विश्वविद्यालय ने अपने नए हॉस्टल मैनुअल के एक प्रारूप को वेबसाइट पर जारी कर भोजन कक्ष में उचित ड्रेसिंग नियम और शुल्क संरचना में संशोधन के संदर्भ में छात्रों और शिक्षकों दोनों से सुझाव मांगे हैं.

विश्वविद्यालय के इस कदम को लेकर जेएनयू छात्र संघ ने हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के साथ आपातकालीन बैठक की जिसमें हॉस्टल मैनुअल में बदलाव के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू करने का फैसला किया .

जेएनयू की अध्यक्ष आइशी  घोष ने कहा, “जेएनयू मुख्य रूप से अनुसंधान विद्वानों का एक विश्वविद्यालय है और अपने उदार परिसर के लिए जाना जाता है. जेएनयू के छात्र समुदाय ने प्रशासन को सुझाव भेजने के बजाय इस कदम के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू करने का फैसला किया है”

डीन ऑफ स्टूडेंट्स उमेश कदम ने कहा कि, ये नियम हमेशा से ही विश्वविद्यालय के छात्रावासों के मैनुअल में होते हैं. पिछले कुछ वर्षों में चीजें बदल गई है, सिस्टम बदल गया है, प्रबंधन बदल गया है और इसलिए मैनुअल को अपडेट करना होगा.

“विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए छात्रावास शुल्क संरचना को भी संशोधित करना होगा. हम सभी सुविधाओं को न्यूनतम राशि के साथ जारी नहीं रख सकते. विश्वविद्यालय ने हाल ही में सभी छात्रावासों में ऑनलाइन भुगतान सॉफ्टवेयर स्थापित किया है. हम मनमाने तरीके से राशि नहीं बढ़ाएंगे. जेएनयू ने नो-प्रॉफिट और नो-लॉस के अपने मॉडल को जारी रखा हुआ है.”

हॉस्टल के मैनुअल के मौसोदे मे यह भी सुझाव दिया गया कि हॉस्टल के छात्रों को किसी अन्य व्यक्ति के कमरे में रात 10:30 बजे के बाद जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

जेएनयू में छात्रों की औसत आयु 24 से 28 वर्ष के बीच है और विश्वविद्यालय में विवाहित छात्रों के लिए छात्रावास भी है. यदि छात्रों को 11.30 बजे तक अपने कमरे में रहने के लिए कहा जाता है, तो जेएनयू में 24×7 लाइब्रेरी सिस्टम का क्या लाभ है?


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