सुप्रीम कोर्ट मरदु फ्लैट मालिकों की पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट कोच्चि के मरदु फ्लैट मालिकों की उन पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई के लिए राजी हो गया है जिनमें संबंधित भवन निर्माताओं से उचित राहत की मांग की गई है.
जस्टिस अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह भवन निर्माताओं से से उचित मुआवजे के विषय पर पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई करेगी.
केरल सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने न्यायालय में एक स्थिति रिपोर्ट जमा की और कहा कि मरदु फ्लैट गिराने के पहले के आदेश का राज्य ने आंशिक रूप से पालन किया है.
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के पहले के आदेश के अनुपालन के तहत राज्य सरकार ने मरदु फ्लैट मालिकों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 27.99 करोड़ रुपए का भुगतान किया है और 33.51 करोड़ रुपए का भुगतान करना अभी बाकी है.
इसके बाद, पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह मरदु फ्लैट गिराने समेत शीर्ष अदालत के पहले के फैसले का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करे.
शीर्ष अदालत ने 25 अक्ट्रबर को केरल सरकार को निर्देश दिया था कि भवन निर्माताओं द्वारा पर्यावरण मानकों का उल्लंघन करने की वजह से जिन फ्लैट को गिराने का आदेश दिया गया है उनके मालिकों को अंतिरम मुआवजे के रूप में 25-25 लाख रुपये का भुगतान किया जाए. इससे पहले न्यायालय को सूचित किया गया था कि उन्हें कम राशि दी गयी है।
न्यायालय ने मरदु फ्लैट्स का निर्माण करने वाले बिल्डरों को एक महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के पास 20 करोड़ रुपये जमा कराने का भी निर्देश दिया.
कोर्ट ने समिति से कहा था कि फ्लैट मालिकों द्वारा किए गए भुगतान के दस्तावेजी साक्ष्यों का आकलन करें क्योंकि कुछ फ्लैट मालिकों का कहना था कि उन्होंने अपने आवास के लिए 25 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इन फ्लैट को गिराने और प्रभावित फ्लैट मालिकों को देय कुल मुआवजे का आकलन करने के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर रखी है.
इससे पहले, 30 सितंबर को कोर्ट ने तटीय विनियमन क्षेत्र के मानकों का उल्लंघन करके निर्मित चार अर्पाटमेन्ट के फ्लैट गिराने के अपने आदेश पर रोक लगाने का फ्लैट मालिकों का अनुरोध ठुकरा दिया था.