किस तरह होगा RBI के पैसे का इस्तेमाल अभी तय नहीं: निर्मला सीतारमण


nirmala sitharaman announces merger of ten banks

 

रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये देने की घोषणा करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सरकार इस पैसे का इस्तेमाल किस तरह करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार इसके बारे में निर्णय लेकर सूचना देगी.

पत्रकारों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री से सवाल किया गया कि सरकार आरबीआई से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल किस तरह करेगी? इस सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फिलहाल इसके बारे में कुछ नहीं बता सकते हैं. सरकार निर्णय लेगी और फिर इसके विषय में बाद में जानकारी दी जाएगी.

वहीं भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने रिजर्व बैंक की 1.76 लाख करोड़ रुपये की अधिशेष पूंजी को सरकार को हस्तांतरित किए जाने की निंदा की है.

माकपा ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है कि पार्टी सरकार द्वारा अपने वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक से अधिशेष पूंजी लेने की निंदा करती है.

पार्टी ने कहा है कि आरबीआई मॉनिटरिंग अथॉरिटी है और अर्थव्यवस्था की खराब हालत में काम आने वाला अंतिम संस्थान है. इसकी वित्तीय स्थिरता यह सुनिश्चित करती है कि मौद्रिक, वित्तीय अस्थिरता और वैश्विक संकट के समय हमारी अर्थव्यवस्था बची रहे.

माकपा ने कहा कि पहले भी लाभ कमाने वाले ओएनजीसी जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की कमाई को लूटकर सरकार ने अपना प्रचार-प्रसार किया है.

माकपा ने आगे कहा कि ऐसे समय में जब बेरोजगारी दर 9 प्रतिशत से भी ऊपर पहुंच गई है, तब सरकार को अपने खर्च और वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक से इतनी बड़ी पूंजी हस्तांतरित करना ना केवल अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा बल्कि कामगारों के जीवन स्तर को भी नीचे ले जा रहा है.

माकपा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने संपत्ति का निर्माण करने वालों का सम्मान करने की बात कही है. संपत्ति का निर्माण तब ही हो सकता है जब मूल्य का उत्पादन हो. आज कामगारों के पास मूल्य का उत्पादन करने के लिए रोजगार नहीं है. समाज के सभी वर्ग, किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं.


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