हांगकांग: प्रदर्शनकारियों के लिए अहम रहने वाला है यह सप्ताहांत
हांगकांग में सरकार के विरोध में चलाए जा रहे आंदोलन को इस हफ्ते बड़ी परीक्षा से गुजरना होगा क्योंकि हवाई अड्डे पर हिंसक प्रदर्शन को लेकर हो रही आलोचनाओं के बाद एक बार फिर बड़ी भीड़ जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही चीन के अगले कदम को लेकर चिंताएं भी बढ़ गई हैं.
पिछले 10 हफ्ते से चल रहे प्रदर्शनों ने इस अंतरराष्ट्रीय आर्थिक केंद्र को संकट में डाल दिया है क्योंकि चीन के वामपंथी शासन ने कड़ा रुख अपना रखा है. शासन ने हिंसक प्रदर्शनकारियों के कदमों को “आतंकवादी के समान” करार दिया है.
चीनी सरकारी मीडिया ने शेनजेन में सीमा के पास सैन्य कर्मियों एवं बख्तरबंद वाहनों की मौजूदगी की तस्वीरें प्रकाशित की हैं, वहीं अमेरिका ने चीन को सेना भेजने के खिलाफ आगाह किया है.
कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का यह कदम उसकी साख के साथ ही आर्थिक संकट का मामला बन सकता है.
चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि अगर चीन प्रदर्शनों को कुचलने की कोशिश करता है तो ‘थ्येनआनमन चौक’ कार्रवाई नहीं दोहराई जाएगी. समझा जाता है कि उस कार्रवाई में हजारों लोग मारे गए थे.
खबर में कहा गया, ‘‘हांगकांग में कार्रवाई होने पर चार जून 1989 की राजनीतिक घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी.’’ खबर में इस बात पर बल दिया गया कि देश का अब अधिक संवेदनशील रुख है.
गौरतलब है कि चीन को प्रत्यर्पण की अनुमति देने वाले एक विधेयक के विरोध में हांगकांग में कई सप्ताह पहले प्रदर्शन शुरू हुए जिन्होंने बाद में सरकार विरोधी प्रदर्शनों की शक्ल ले ली और वे हिंसक भी हो गए.