मानवता को बचाने के लिए ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने की जरूरत: आईपीसीसी


to rescue humanity we must fight global warming says ipcc

 

जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति (आईपीसीसी) ने समुद्रों और पृथ्वी के ठंडे क्षेत्रों पर ग्लोबल वार्मिंग के भयावह प्रभावों से लड़ने के लिए संयुक्त प्रयास करने का आह्वान किया है.

संयुक्त राष्ट्र के निकाय आईपीसीसी ने अपनी हालिया रिपोर्ट में तेजी से पिघल रही बर्फ, लगातार कम हो रहे पानी के स्रोतों और समुद्री पानी के स्तर और तापमान में बढ़ोतरी के खतरों के बारे में आगाह किया है. साथ ही रिपोर्ट में इन खतरों से निपटने के लिए उपायों की भी चर्चा की गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में तेजी से पिछली रही बर्फ वहां रहने वाले समुदायों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा कर रही है. इससे भूस्खलन, चट्टानों का गिरना और बाढ़ के खतरे बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम नहीं किया गया तो 2100 तक छोटे ग्लेशियर अपनी 80 फीसदी बर्फ खो देंगे. इससे कृषि पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

रिपोर्ट में बताया गया है कि समुद्री तापमान बढ़ने से ना केवल इसके ऊपर निर्भर इकोसिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के इन खतरों से निपटने पर भी चर्चा की गई है. रिपोर्ट में अक्षय ऊर्जा स्रोतों के संरक्षण और प्रबंधन पर खासा जोर दिया गया है. साथ ही ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम से कम करने के लिए कहा गया है.

इस रिपोर्ट को 36 देशों के 100 से अधिक वैज्ञानिकों और लेखकों ने तैयार किया है.

आपीसीसी के अध्यक्ष ह्यूसोंग ली ने कहा, “यदि हम उत्सर्जन को तेजी से घटाएंगे तो भी लोगों के लिए परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण होंगी, लेकिन पहले के मुकाबले उन्हें संभालना आसान होगा.”


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