मंदी की गिरफ्त में पारले-जी, दस हजार कर्मियों की हो सकती है छंटनी


top biscuit maker parle-g may cut up to 10000 jobs

 

भारत की जाने मानी बिस्किट निर्माता कंपनी आजकल मंदी की मार झेल रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में कम मांग और आर्थिक विकास के धीमा पड़ जाने के कारण 10,000 कर्मचारियों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है.

एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में चल रहे धीमेपन की वजह से कार से लेकर कपड़ो तक हर चीज की सेल में कमी आई है, जिसकी वजह से कंपनियों ने अपना उत्पादन गिरा दिया है. कंपनियों को उम्मीद है कि सरकार विकास को बढ़ावा देने के लिए अर्थिक मदद के लिए आगे आएगी.

मुंबई से फोन पर हुई बातचीत के दौरान कंपनी के कैटेगरी हेड मयंक अग्रवाल ने बताया कि स्थिति बहुत अधिक खराब हो चुकी है, अगर सरकार ने जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया तो हमें मजबूरी में यह पद हटाने पड़ेंगे. उत्पादन में भी इसका असर पड़ेगा जिसकी वजह से 8000 से 10,000 लोग अपनी नौकरी खो सकते हैं.

पारले की स्थापना 1929 में हुई थी. पारले- जी, मोनैको और मैरी बिस्किट बनाने वाली पारले की बिक्री 10,000 करोड़ से ज्यादा होती है. 10 प्लांट चलाने वाली इस कंपनी में एक लाख कर्मचारी काम करते हैं. पारले के पास 125 थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं.

शाह ने बताया कि बिस्किट की बिक्री में गिरावट 2017 से लागू किए गए जीएसटी के बाद आई है, जिसकी वजह से पांच रुपये के बिस्किट पर ज्यादा टैक्स बढ़ गया है.

कंपनी ने इसकी वजह से पैकेट में बिस्किट की मात्रा कम कर दी है. कंपनी की सेल्स का आधे से ज्यादा हिस्सा ग्रामीण बाजारों से आता है.

शाह आगे कहते हैं कि यहां के उपभोक्ता बेहद संवेदनशील हैं, वो देखते हैं कि उन्हें एक पैकेट में कितने बिस्किट मिल रहे हैं.

शाह ने बताया कि जीएसटी काउंसिल और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल बातचीत के दौरान बताया था कि कंपनी की वार्षिक आय $ 1.4 अरब से अधिक है.

पारले-जी को पहले पारले ग्लूको के नाम से जाना जाता था. उस समय इसका मुख्यालय मुंबई में था. 1980 और 1990 के समय में ये घर घर की पहचान बन गया. 2003 में यह दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट बना.

ब्रिटानिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बेरी ने पिछले हफ्ते कहा था कि उपभोक्ता अब पांच रुपये के बिस्किट का पैकेट खरीदने से भी कतरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पांच रुपये का बिस्किट खरीदने से पहले लोग दो बार सोच रहे हैं जिससे वित्तीय समस्या की गंभीरता का पता चलता है.

बेरी ने कहा था, ‘हमारी ग्रोथ सिर्फ छह पर्सेंट हुई है. मार्केट ग्रोथ हमसे भी सुस्त है.’


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