ऑटोमोटिव उद्योग में मंदी से बेरोजगारी बढ़ी


vehicle sale in December down by 13.08 percent says siam

 

ऑटोमोटिव उद्योग में छाई मंदी की वजह से बेरोजगारी बढ़ी है. इसका असर ऑटोमोबाइल हब के रूप में प्रसिद्ध तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में देखने को मिल रहा है. मजदूर यूनियन की मानें तो तमिलनाडु में एक लाख लोगों की नौकरियां गई हैं और मजदूरों के वेतन में कटौती की गई है. मंदी का असर इससे जुड़े अन्य उद्योगों पर भी पड़ रहा है.

ऑटोमोबाइल डीलरशिप के बंद होने का प्रभाव छोटे कल पूर्जे बनाने वाली कंपनियों पर पड़ा है. यहां पर माल की खपत करने के लिए सप्ताहांत की छुट्टियों को बढ़ा दिया गया है.

भारत बेंज रेंज के ट्रक निर्माता डेमलर इंडिया कमर्शियल व्हिकल कंपनी महीने में चार दिन अतिरिक्त छुट्टियां दे रही हैं.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया डेमलर इंडिया कमर्शियल वाहन के सीईओ सत्यकाम आर्य के हवाले से लिखता है कि कंपनियां बुरे दौर से गुजर रही हैं और ठेके पर बहाल कर्मचारियों को कम करने की कोशिश की जा रही है.

सीटू अध्यक्ष ए सुंदरराजन ने कहा कि तमिलनाडु में काम करने वाले एक लाख से अधिक मजदूरों को नौकरी से निकाला गया है, यह श्रम विभाग के डेटा का पांचवा हिस्सा है जिसकी वजह 50,000 प्रतिष्ठानों का बंद होना है.

ऑटो पार्ट हब ओरागडम इलाके में प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले एक एक्सपर्ट का कहना है कि एसेम्बली लाइन और कल पूर्जे बनाने वाली कंपनियों में 20 फीसदी तक लोगों को निकाला गया है.

गाड़ियों के कल पूर्जे बनाने वाली कंपनियों के अलावा मंदी का असर इससे जुड़े अन्य सेक्टर में भी देखने को मिल रहा है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक पिछले 18 महीनों में अकेले चेन्नई में 15 डीलरशिप बंद हुई हैं. जिसकी वजह से यहां काम करने वाले तीन हजार से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.

इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के एसपी सिंह ने कहा कि गाड़ियों के परिवहन से जुड़ी कंपनियों में भी 30 फीसदी तक नौकरियां गई हैं.

हालांकि जानकारों को उम्मीद है कि त्योहार के सीजन में मांग में मजबूती आने से स्थिति सुधरेगी.


Big News