उन्नाव रेप पीड़िता की सफदरजंग अस्पताल में मौत


amid violent protest in lucknow against caa one dies

 

उन्नाव रेप पीड़िता की देर रात सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई. यह जानकारी अस्पताल के सूत्रों ने दी.

अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया, ”हमारे बेहतर प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका. शाम में उसकी हालत खराब होने लगी. रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा. हमने बचाने की कोशिश की लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई.”

5 दिसंबर को जिंदा जलाए जाने के बाद उसे गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था.

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने उसे हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया था. उसे लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था.

इससे पहले दिन में डॉ. कुमार ने कहा था कि मरीज की हालत बहुत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है.

उन्होंने बताया था कि पीड़िता के महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं.

सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा था, ” हमने मरीज के लिए अलग आईसीयू कक्ष बनाया है. चिकित्सकों का एक दल उसकी हालत पर लगातार नजर रख रहा है.”

पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए बयान में बताया था कि वह मामले की पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी. जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और बलात्कार के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे बलात्कार किया था. हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गई थी.

पुलिस के अनुसार पीड़िता अधजली अवस्‍था में काफी दूर तक दौड़ कर आयी. प्रत्‍यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्‍पताल रेफर किया गया. बाद में जिला अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था, जहां से उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया.


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