पाकिस्तान द्वारा आतंकी हाफिज सईद के लिए फंड की मांग सकारात्मक कदम: अमेरिका
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संयुक्त राष्ट्र ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकी हाफिज सईद के लिए पाकिस्तान को फंड देने के कदम का स्वागत किया है. यूएन ने कहा कि ये दिखाता है कि एफएटीएफ की प्रति जवाबदेही से साथ पाकिस्तान आतंकरोधी अभियान की दिशा में काम कर रहा है.
दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने इसे एक ‘सकारात्मक कदम’ बताया है.
इससे पहले पाकिस्तान के अनुरोध पर मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जैश ए मोहम्मद प्रमुख हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आतंक रोधी समिति ने बुनियादी जरूरतों पर खर्चे के लिए अपने बैंक खाते से रकम निकालने की अनुमति दी.
हाफिज को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रस्ताव के तहत आतंकवादी घोषित किया जा चुका है. संयुक्त राष्ट्र प्रावधानों के मुताबिक सभी राष्ट्रों को इस सूची में शामिल व्यक्ति की वित्तीय संपत्ति या आर्थिक संसाधन और धनराशि पर रोक लगानी होती है.
प्रस्ताव में राष्ट्रों को प्रतिबंधित व्यक्ति के मूलभूत खर्चे के लिए अनुमति देने का भी प्रावधान है, बशर्ते कि किसी को इस पर आपत्ति नहीं हो.
द हिंदू ने वेल्स के हवाले से लिखा है, “घोषित आतंकियों के परिवार के खर्चों आदि के लिए यूएन फंड देता है. ऐसे में पाकिस्तान की मांग दिखाती है कि वो नियमों का पालन कर रहा है जो एफएटीएफ के लिए जरूरी शर्त है.”
13-14 अक्टूबर को सभी सदस्यों की मौजूदगी में होने वाली एफएटीएफ की अहम बैठक से पहले पाकिस्तान 27- प्वाइंट एक्शन प्लान को लेकर अपनी प्रतिबद्ध जाहिर करने की कोशिश कर रहा है. इस दौरान एफएटीएफ पाकिस्तान के “ग्रे लिस्ट” दर्जे को हटाने या बरकरार रखने पर विचार करेगा. संगठन एक कदम आगे जाते हुए पाकिस्तान को “ब्लैकलिस्ट” कर सकता है और आगे वित्तीय मदद में भी कटौती कर सकता है.
वेल्स ने कहा, “एफएटीएफ के फैसले और आईएमएफ प्रोग्राम को देखते हुए आगे आने वाले कुछ महीने पाकिस्तान के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब देश में आतंक के ठिकानों को खत्म करने पर निर्भर करेगी.”
उन्होंने कहा, “अमेरिका का मानना है कि पाकिस्तान ने बीते समय में कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं और हम चाहते हैं कि पाकिस्तान इस एक्शन प्लान को पूरा करे.”