जब एनआरसी पर चर्चा नहीं हुई तो गृह मंत्री बयान क्यों दे रहे हैं: येचुरी
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान का हवाला देते हुए सवाल किया कि जब एनआरसी पर कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं हुई तो फिर गृह मंत्री अमित शाह इसे लागू करने का बयान क्यों दे रहे हैं.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन में भाग लेने पहुंचे येचुरी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को एनआरसी पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘इस तरह का कानून लाना संविधान के खिलाफ है. इस देश का एक ही हॉली बुक हमारा संविधान है. संविधान की रक्षा और अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे.’
माकपा नेता ने कहा, ‘मोदी भाषण दे रहे थे कि किसी की नागरिकता छीन नहीं रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि नागरिकता के साथ धर्म को क्यों जोड़ रहे हैं?’
उन्होंने सवाल किया कि जब एनआरसी पर कैबिनेट में चर्चा नहीं हुई तो फिर गृह मंत्री बार बार क्यों एनआरसी की बात कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘आप पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की बात कर रहे हैं, लेकिन अपने एक घंटे के भाषण में लोगों से जुड़े आम मुद्दों के बार कुछ नहीं कहा. किसान खुदकुशी कर रहे हैं, लोग महंगाई से जूझ रहे हैं और अर्थव्यवस्था डूब रही है. लेकिन इन समस्याओं का कोई जिक्र नहीं है.’
येचुरी ने कहा, ‘आप बताइए कि लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए क्या कर रहे हैं?’