फ्राइडे फॉर फ्यूचर के लिए मशहूर ग्रेटा टुनबर्ग बनीं क्लाइमेट चेंज की आइकॉन
ग्रेटा टुनबर्ग पूरी दुनिया के लिए पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की आइकॉन बन गई हैं. 16 साल की टुनबर्ग के नेतृत्व में 150 से अधिक देशों में हजारों लाखों बच्चों ने सड़क पर उतरकर जलवायु परिवर्तन की नजरअंदाजी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. स्वीडन की टुनबर्ग ने साल भर पहले जलवायु परिवर्तन की लड़ाई अकेले शुरू की थी. ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ नाम से शुरू मुहीम में उनके साथ लाखों पर्यावरण प्रेमी जुड़ चुके हैं.
ग्रेटा टुनबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र युवा जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले कहा कि यह तो ‘‘बस शुरूआत है.’’
साल 2018 में स्वीडन में भीषण गर्मी पड़ रही थी. जंगल में लगी आग की वजह से प्रदूषण फैला हुआ था और लू के चलते लोगों का जीना मुहाल था. टुनबर्ग ने इसके लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार माना और इसे स्वीडन के आम चुनाव में मुद्दा बनाने के लिए अकेले लड़ाई शुरू की. नौ सितंबर को स्वीडन में आम चुनाव था. इससे 19 दिन पहले यानी 20 अगस्त से उन्होंने इसके लिए आवाज उठानी शुरू की. सोशल मीडिया पर विरोध की फोटो वायरल होने के बाद लोगों ने मुहीम को समर्थन देना शुरू कर दिया.
उन्होंने कहा, “मैं ऐसा इसलिए कर रहीं हूं क्योंकि, आप जैसे लोग मेरे भविष्य से खिलवाड़ कर रहा हैं.”
साल 2019 में 224 शिक्षाविदों ने उनका समर्थन किया. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरिस ने भी ग्रेटा टुनबर्ग के नेतृत्व में चलाए जा रहे आंदोलन की सराहना की. वह पिछले एक साल में विभिन्न मंचों से जलवायु परिवर्तन की जागरूकता को लेकर बोल चुकी हैं.
ग्रेटा टुनबर्ग ने अपने व्यवहार में भी पर्यावरण संरक्षण को शामिल किया है. अगस्त 2019 में उन्होंने ब्रिटेन से अमेरिका की यात्रा सौर उर्जा से चलने वाले जहाज से पूरी की. उनका पूरा परिवार मांसाहार को छोड़ चुका है और अपनी यात्राएं हवाई जहाज की बजाय रेल गाड़ी से पूरा करता है.
आज संयुक्त राष्ट्र में ‘यूथ क्लाइमेट समिट’ हो रहा है. लेकिन उससे एक दिन पहले पूरी दुनिया में हुए प्रदर्शनों ने इसे दिलचस्प बना दिया है. ग्रेटा को सुनने के लिए अमेरिका के न्यूयॉर्क में ढ़ाई लाख लोग शामिल हुए.