बजट की घोषणा के साथ ही सेंसेक्स 395 अंक नीचे गिरा
धातु, बिजली, वाहन और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयर में भारी बिकवाली के चलते सेंसेक्स 395 अंक गिरकर बंद हुआ. बजट में सूचीबद्ध कंपनियों के लिए बाजार में रखे जाने वाले शेयरों का अनुपात बढ़ाने का प्रस्ताव करने की घोषणा से बाजार सहम गया.
बाजार को आशंका हुई है कि इससे तरलता की समस्या हो सकती है.
वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सार्वजनिक शेयरों की न्यूनत सीमा को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किए जाने का यह सही समय है. सरकार इसके लिए बाजार विनियामक सेबी को लिखेगी.
बहुत उतार-चढ़ाव भरे माहौल में 30 कंपनियों का शेयर सूचकांक 394.67 अंक या 0.99 प्रतिशत की गिरावट के साथ 39,513.39 अंक पर बंद हुआ. दिन में कारोबार निम्नतम 39,441.38 और उच्चतम 40,032.41 अंक तक गया था.
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 कंपनियों वाला शेयर सूचकांक निफ्टी 135.60 अंक या 1.14 प्रतिशत टूटकर 11,811.15 अंक पर बंद हुआ. वहीं दिन में यह 11,797.90 से 11,981.75 अंक के दायरे में रहा.
सेंसेक्स की कंपनियों में सबसे ज्यादा गिरावट यस बैंक में देखी गई. इसका शेयर 8.36 प्रतिशत गिर गया. एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, वेदांता, सन फार्मा और टीसीएस के शेयर 4.81 प्रतिशत तक गिरे.
इसके विपरीत इंडसइंड बैंक, कोटक बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक में 2.16 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई.
सेंट्रम ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं शोध (संपत्ति) प्रमुख जगन्नाधाम तुंगुतला ने कहा कि कंपनियों के लिए न्यूनतम सार्वजनिक शेयर के नियमों के अनुपालन के लिए सेबी कितना समय देता यह देखने की बात है. लेकिन प्रवर्तकों की हिस्सेदारी कम करने के दबाव का बाजार पर उल्लेखनीय प्रभाव है.
अभी कई सारी सरकारी कंपनियां भी 25 प्रतिशत की सार्वजनिक शेयर हिस्सेदारी के नियम का अनुपालन करने में भी सक्षम नहीं हुई है.