CJI यौन उत्पीड़न मामले में निष्पक्ष जांच के लिए सड़कों पर महिलाएं
The Leaflet
सुप्रीम कोर्ट आंतरिक समिति की ओर से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को मिली क्लीन चिट के विरोध में महिला अधिकार कार्यकर्ता दिल्ली के कनॉट प्लेस में प्रदर्शन कर रही हैं. महिला अधिकार के नारों के बीच प्रदर्शनकारी महिलाओं की मांग है कि सही और निष्पक्ष तरीके से एक बार फिर सीजेआई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की जाए. उनका कहना है कि जांच प्रक्रिया और रिपोर्ट में कानून के शासन का उल्लंघन हुआ है.
महिलाओं द्वारा उठाए गए नारों और पोस्टर में साफ देखा जा सकता है कि वो सीजेआई यौन उत्पीड़न मामले में पूरी जांच प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाए कि सुप्रीप कोर्ट ने इस पूरे मामले को छुपाने की कोशिश की है. साथ ही सवाल किया कि क्या कोर्ट में यौन उत्पीड़ित के लिए कोई सही जांच प्रक्रिया नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी ने 19 अप्रैल को जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक समिति गठित की गई थी. लेकिन शिकायतकर्ता महिला ने कहा था कि इस समिति से अब उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. इसके बाद समिति की जांच जारी रही और चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने समिति के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखा था. ये पहली बार है जब भारत के चीफ जस्टिस यौन उत्पीड़न के आरोपों में किसी जांच समिति के सामने पेश हुए.
6 मई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले में आंतरिक जांच समिति ने कुछ ठोस प्रमाण मिलने से इनकार किया था. हालांकि समिति ने आरोप लगाने वाली महिला को जांच रिपोर्ट नहीं दी थी. जिसके बाद महिला ने कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 का हवाला देते हुए समिति से रिपोर्ट की कॉपी की मांग की है.
(सभी तस्वीरें साभार The Leaflet)