विश्व कप: वेस्ट इंडीज के खिलाफ सेमीफाइनल की दावेदारी मजबूत करने उतरेगा भारत
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भारत मैनचेस्टर में सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी वेस्ट इंडीज की खतरनाक टीम से भिड़ेगा तो टीम प्रबंधन की मुख्य चिंता महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी और उनका बल्लेबाजी क्रम होगी.
लीग चरण अपने अंत की ओर बढ़ रहा है और ऐसे में भारत एक और जीत के साथ सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की करना चाहेगा.
वेस्ट इंडीज की टीम के पास गंवाने के लिए कुछ नहीं है और वह बाकी मैचों में अन्य टीमों का समीकरण बिगाड़ने की कोशिश करेगी.
दूसरे पावर प्ले के महत्वपूर्ण ओवरों में पूर्व कप्तान धोनी की विफलता ने कप्तान विराट कोहली की चिंता थोड़ी बढ़ाई है.
धोनी ने अफगानिस्तान के खिलाफ बेहद धीमी बल्लेबाजी करते हुए 52 गेंद में 28 रन बनाए और इसके लिए उन्हें काफी आलोचना का सामना भी करना पड़ा. यहां तक कि आम तौर पर शांत रहने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी उनके रवैये पर सवाल उठाए थे.
टीम प्रबंधन भी इस समस्या से वाकिफ है लेकिन अब जब चार लीग मैच बचे हैं तब उनके पास एकमात्र विकल्प धोनी के बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करना है. संभवत: इससे केदार जाधव को अधिक गेंद खेलने को मिल सकती हैं जो अपने शाट चयन में नयापन लाने के लिए पहचाने जाते हैं.
हार्दिक पंड्या का इस्तेमाल अब तक फ्लोटर के रूप में हुआ है लेकिन अफगानिस्तान के खिलाफ मैच ने दिखाया कि अगर उन्हें दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिलता है तो फिर उन पर काफी दबाव आ जाता है.
कोहली और कोच रवि शास्त्री अब तक ऋषभ पंत का इस्तेमाल करने को लेकर काफी उत्सुक नजर नहीं आए हैं. टीम प्रबंधन अगर विजय शंकर को बाहर करने का फैसला करता है तो ही पंत को टीम में जगह मिल सकती है.
वेस्ट इंडीज की टीम में काफी तेज गेंदबाज हैं और ऐसे में धोनी को स्ट्राइक रोटेट करने में आसानी हो सकती है क्योंकि वह धीमे गेंदबाजों के खिलाफ सहज होकर नहीं खेल पा रहे हैं. पिछले मैच में अफगानिस्तान के धीमे गेंदबाजों ने इसका काफी फायदा उठाया था.
टीम को धोनी की रणनीति और तेजतर्रार विकेटकीपिंग की जरूरत है और ऐसे में कप्तान और कोच को उनकी भूमिका पर काफी माथापच्ची करनी होगी.
दूसरी तरफ पाकिस्तान के खिलाफ शानदार शुरुआत के बावजूद वेस्ट इंडीज की टीम विश्व कप में सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी है लेकिन टीम टूर्नामेंट का सकारात्मक अंत करना चाहेगी.
आंद्रे रसेल पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण बाहर हो गए हैं और इससे टीम को बड़ा झटका लगा है.
टीम के तेज गेंदबाजी विभाग ने हालांकि बेहतरीन क्षमता दिखाई है. शेल्डन कोट्रेल और ओशेन की युवा तेज गेंदबाजी जोड़ी ने काफी प्रभावित किया है.
कोहली और उप कप्तान रोहित शर्मा काफी अच्छी फार्म में हैं और ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों और वेस्ट इंडीज के गेंदबाजों के बीच अच्छा संघर्ष देखने को मिल सकता है.
‘यूनिवर्सल बॉस’ क्रिस गेल से अब भी बड़ी पारी का इंतजार है और कोहली उम्मीद कर रहे होंगे कि कल होने वाले मैच में ऐसा ना हो.
गेल के खिलाफ जसप्रीत बुमराह का शुरुआती स्पैल मैच की रूप रेखा तैयार कर सकता है जबकि वेस्ट इंडीज के मध्यक्रम को कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की चुनौती का सामना करना होगा.
न्यूजीलैंड के खिलाफ कार्लोस ब्रेथवेट ने शानदार पारी खेली और वेस्टइंडीज को जीत की दहलीज पर ले गए थे. ब्रेथवेट हालांकि धीमे गेंदबाजों के खिलाफ सहज नजर नहीं आते हैं.
कुल मिलाकर भारत की राह आसान नहीं होगी लेकिन इसके बावजूद हाल के प्रदर्शन को देखते हुए टीम जीत की प्रबल दावेदार है.