जन्मदिन विशेष: ‘प्रेम नाम है मेरा, प्रेम चोपड़ा’
विलेन प्रेम चोपड़ा ने अपनी अदाकारी से हिन्दी सिनेमा में अपना परचम लहराया. उन्होंने एक हीरो के तौर पर नहीं बल्कि बतौर विलेन सफलता हासिल की. फिल्मों में ये बड़े बड़े अभिनेताओं को अपने अभिनय से टक्कर दिया करते थे.
प्रेम चोपड़ा का जन्म 23 सितंबर 1935 को लाहौर में हुआ था. विभाजन के दौरान उनका परिवार शिमला आ कर रहने लगा था. वहीं इनकी पढ़ाई पूरी हुई. कॉलेज के दिनों से प्रेम ने थिएटर करना शुरू कर दिया था. उन्होंने अंग्रेजी अखबार में नौकरी भी की है.
साल 1962 में उन्हें पंजाबी फिल्म ‘चौधरी करनैल सिंह’ में काम करने का अवसर मिला. इसके बाद प्रेम को हिन्दी फिल्म ‘शहीद’ में सुखदेव की भूमिका मिली. इस फिल्म में उन्हें सफलता तो मिली लेकिन किस्मत कुछ और चाहती थी. फिल्म ‘उपकार’ में प्रेम को विलेन का किरदार मिला. जिसके बाद वे विलेन के तौर पर हिन्दी सिनेमा में जाने जाने लगे. प्रेम बैक टू बैक फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने लागे.
साल 1973 में फिल्म ‘बॉबी’ रिलीज हुई. इस फिल्म में प्रेम का डॉयलाग बेहद मशूहर हुआ. ये डॉयलाग ‘प्रेम नाम है मेरा, प्रेम चोपड़ा’. आज उनके डॉयलाग उतने ही लोकप्रिय है. बात उनके निजी जीवन की करें तो उनकी शादी राज कपूर की पत्नी की बहन उमा से हुई. प्रेम और उमा की तीन बेटियां है.