HRD ने शाहरुख खान को मानद डॉक्टरेट देने से किया मना
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मशहूर अदाकार शाहरुख खान को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दिए जाने से इनकार किया. दरअसल दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने शाहरुख खान को मानद डॉक्टरेट दिए जाने को लेकर मंत्रालय से सहमति मांगी थी.
मंत्रालय ने जामिया मिलिया इस्लामिया को भेजे गए जवाब में कहा है, “यह सही नहीं होगा, शाहरुख खान को पहले ही हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी से मानद डॉक्टरेट नवाजा जा चुका है.”
हालांकि अधिकारिक रूप से एक ही व्यक्ति को दो या अधिक केन्द्रीय विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट नहीं दिए जाने को लेकर कोई नियम नहीं है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रह्मण्यम से एक ही व्यक्ति को अलग-अलग यूनिवर्सिटी से मानद डॉक्टरेट दिए जाने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पॉलिसी के स्तर पर हम यह सही नहीं मानते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी माना कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का इस पर कोई नियम नहीं है.
जामिया मिलिया इस्लामिया ने 21 फरवरी 2018 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा था, “भारतीय सिनेमा में शाहरुख खान का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है. वो हमारे सबसे प्रतिष्ठित छात्र रह चुके हैं. इन सब को देखते हुए जामिया उन्हें मानद डॉक्टरेट प्रदान करना चाहता है. इसके लिए शाहरुख खान की सहमति भी ली जा चुकी है.”
यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार एपी सिद्दीकी की ओर से इस पत्र का 26 फरवरी को जवाब देते हुए मंत्रालय ने कहा, “यह नहीं बताया गया है कि अवार्ड दिए जाने को लेकर सक्षम समिति की अनुमति है या नहीं. इसलिए विश्वविद्यालय के अनुरोध को नकारा जा रहा है.”
इसके बाद 14 मार्च 2018 को विश्वविद्यालय की कार्यकारी समिति बैठक में शाहरुख खान को डॉक्टरेट दिए जाने के फैसले को मुहर लगा दी गई. कार्यकारी समिति विश्वविद्यालय से जुड़े फैसले लेने के लिए सबसे ताकतवर समिति मानी जाती है.
कार्यकारी समिति के फैसले के बाद 11 अप्रैल को मंत्रालय ने जामिया प्रशासन को एक पत्र लिख कर मना करते हुए कहा, “2016 में मौलाना आजाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का ओर से सिनेमा में शाहरुख खान के योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की जा चुकी है. इसके लिए राष्ट्रपति और मंत्रालय ने अनुमति दी थी. 2014 के बाद से इस तरह का कोई रिकॉर्ड भी नहीं है जिसमें एक ही व्यक्ति को दो केन्द्रीय विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट दिया गया हो.
हालांकि सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से यह सही नहीं है. 2014 के बाद भी यह देखने को मिला है कि एक ही व्यक्ति को कई केन्द्रीय विश्वविद्यालयों से मानद उपाधि प्रदान की गई है.
भारत रत्न से सम्मानित वैज्ञानिक सीएनआर राव को 2015 में कश्मीर विश्वविद्यालय और 2016 में आईआईटी कानपुर की ओर से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया था. मशहूर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी 2015 में पंजाब विश्वविद्यालय और 2017 में आईआईटी कानपुर की ओर से इस उपाधि से नवाजा गया था.