साहित्यिक-सांस्कृतिक पत्रिका ‘अभिव्यक्ति’ (एपिसोड – 16)
गुम हो रही परंपराओं, लोक कलाओं और संस्कृतियों को सहेजने में कितना कामयाब रहा है भोपाल का राष्ट्रीय मानव संग्रहालय? सियासी उलट फेर से कितना प्रभावित रहा है संग्रहालय का कामकाज? ‘भीतर ही भीतर एक बड़े आंदोलन की जमीन तैयार हो रही है, बदलाव जरूर होगा’ मानते हैं जाने माने पत्रकार, लेखक और अनुवादक आनंद स्वरूप वर्मा और साहित्य संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों की झलक परिक्रमा में.