1700 जीव प्रजातियों का मनुष्य के कारण विलुप्त होने का खतरा
मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए जमीन का इस्तेमाल लगातार बढ़ाकर दूसरे जीवों का प्राकृतिक आवास छीन रहा है. इसके कारण 1700 जीव प्रजातियों पर आने वाले 50 वर्षों में विलुप्त होने का खतरा मंडरा सकता है.
यह बात ‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ मैगजीन में प्रकाशित एक अध्ययन में कही गई है. मैगजीन के अध्ययन में यह बताया गया है कि लगातार बढ़ रहे भूमि इस्तेमाल का खामियाजा दूसरे जीवों को भुगतना पड़ सकता है.
दरअसल, इसके कारण दूसरे जीवों का प्राकृतिक आवास कम हो रहा है. इसी वजह से जीवों की 1700 प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है.
अमेरिका की येल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर वाल्टर जेट्स ने कहा, “हमें अपने विश्लेषण से यह पता चला है कि वैश्विक भूमि के इस्तेमाल से जुड़े राजनीतिक और आर्थिक फैसलों के कारण दुनिया भर में जीवों का प्राकृतिक आवास कितना कम होने की आशंका है.”
अध्ययन में यह पाया गया कि मनुष्यों के भूमि प्रयोग बढ़ाए जाने से आने वाले 50 वर्ष में 1700 प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा बढ़ने की आशंका है.
रिसर्चर ने बताया कि 2070 तक इन प्रजातियों का करीब 30 से 50 प्रतिशत प्राकृतिक आवास छिन सकता है.