लॉकडाउन में गई 12 करोड़ नौकरियां, सरकार दे वित्तीय पैकेज: सोनिया गांधी
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लॉकडाउन के कारण हो रही आर्थिक क्षति पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के प्रथम चरण में 12 करोड़ नौकरियां चली गईं और आर्थिक गतिविधियों पर पड़े अनिश्चितकालीन ताले के चलते आगे भी बेरोजगारी बढ़ेगी.
सोनिया गांधी ने कहा, ‘लॉकडाउन के कारण समाज के विभिन्न वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. विशेषकर प्रवासी मजदूरों, किसानों, कृषि मजदूर, असंगठित क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरों पर दोहरी मार पड़ी है. जरूरी है कि उन्हें पर्याप्त खाना और वित्तीत सहायता दी जाए. व्यापार और औद्योगिक गतिविधियां रुक गई हैं, ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों की आमदमी का जरिया खत्म हो गया है.’
कांग्रेस कार्य समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक में यह बात कही.
सोनिया गांधी ने फ्रंट लाइन वर्कर की सराहना करते हुए कहा कि ‘ये वाकई में यौद्धा है.. डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मी और जरूरी सेवाएं देने वाले लोग, एनजीओ और वो तमाम लोग जो देश के नागरिकों तक जरूरी सेवाएं पहुंचा रहे हैं.’
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को प्रभावित परिवारों को 7,500 रुपये के वित्तीय पैकेज देने का भी सुझाव दिया.
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बैठक में कोरोना संकट के खिलाफ लड़ाई में संसाधनों की उपलब्धता पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग से ही इस लड़ाई में कामयाबी मिलेगी.
बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से वित्तीय सहयोग की जरूरत पर जोर दिया. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि अभी केंद्र की ओर से उनके राज्य के लिए जीएसटी का 4400 करोड़ रुपये का बकाया जारी नहीं किया गया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार राज्यों की वित्तीय मदद नहीं करती है तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी। उन्होंने केंद्र से बड़े वित्तीय पैकेज की मांग की.