बीसीसीआई और कमेंट्री के बीच किसी एक को चुनें टीवी एक्सपर्ट्स: BCCI
@sachin_rt
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली समेत सभी स्टार स्पोर्ट्स एक्सपर्ट्स पैनल की मुश्किलें बीसीसीआई के नए आदेश की बाद बढ़ने वाली हैं. दरअसल बीसीसीआई ने आदेश जारी करते हुए स्टार स्पोर्ट्स के लिए कमेंट्री कर रहे सभी मौजूदा और पूर्व खिलाड़ियों से बीसीसीआई और कमेंट्री में से किसी एक को चुनने के लिए कहा है. बीसीसीआई ने कहा है कि ये सभी एक्सपर्ट्स एक ही समय में बीसीसीआई/आईपीएल और स्टार स्पोर्ट्स के साथ जुड़कर जस्टिस आरएम लोढ़ा समिति के सुझावों का उल्लंघन कर रहे हैं. बीसीसीआई के अनुसार, यह सीधे तौर पर हितों के टकराव का मामला है.
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बीसीसीआई फैसले के लिए खिलाड़ियों को दो हफ्ते का समय दे सकता है. मौजूदा समय में आईपीएल और भारत के लिए खेलने वाले खिलाड़ी भी इस आदेश की जद में आएंगे.
बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने आंतिरक स्तर पर ‘हितों के टकराव’ को लेकर दायर शिकायत पर ये आदेश जारी किया है. इस आदेश में जैन ने इंग्लैंड में जारी विश्व कप में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, हरभजन सिंह और करीबन 20 अन्य मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों के कमेंट्री करने पर सवाल उठाए हैं.
आदेश में लिखा है,”एक्सपर्ट सुप्रीम कोर्ट के ओर गठित जस्टिस आरएम लोढ़ा पैनल के हितों में टकराव पर दिए गए सुझावों का उल्लंघन कर रहे हैं.” आदेश में इन एक्सपर्ट्स के एक ही समय में बीसीसीआई/आईपीएल और स्टार स्पोर्ट्स के साथ जुड़ाव पर सवाल उठाया गया है.
‘एक व्यक्ति एक पद’ के नियम पर जोर देते हुए कहा गया है कि सौरभ गांगुली दिल्ली कैपिटल्स के मेंटर, क्रिकेट एडवाजरी कमेटी मेंबर, स्टार स्पोर्ट्स कमेंटेटर और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल चीफ में से किसी एक पद पर ही बने रह सकते हैं.
इसी तरह सचिन तेंदुलकर और लक्ष्मण के एक ही समय में दो पदों पर होने के लिए सवाल उठाए गए हैं. सचिन से मुंबई इंडियन्स के मेंटर पद और स्टार स्पोट्स की कमेंट्री के बीच चुनाव करने को कहा गया है.
वहीं हरभजन सिंह, पार्थिव पटेल, इरफान पठान और मनोज तिवारी जैसे मौजूदा क्रिकेट खिलाड़ियों से कहा गया है कि वे रिटायरमेंट के बाद ही कमेंट्री बॉक्स में जा सकते हैं.
शिकायतकर्ता मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य संजीव गुप्ता हैं. उन्होंने अपनी शिकायत पर बीसीसीआई की ओर से उठाए गए कदम की सराहना की है.
उन्होंने कहा,”20 जून 2019 को बीसीसीआई की ओर से जारी आदेश ने बीसीसीआई के साथ जुड़े प्रत्येक सदस्य/ राज्य इकाइयों से जुड़े/ आईपीएल/ टीवी ब्रॉडकास्टर/ प्रोडक्शन और क्रिकेट से जुड़ा प्रत्येक कर्मचारी/ बीसीसीआई के अनियमित कर्मचारी आदि के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि उन्हें कानून के मुताबिक ही कार्य करना है.”