अपनी ही मिसाइल का निशाना बना था भारतीय हेलीकॉप्टर!
भारतीय वायु सेना ने अनाधिकारिक तौर पर ये स्वीकार कर लिया है कि पाकिस्तान के साथ हुई झड़प के दौरान भारतीय हेलीकॉप्टर को सेना की मिसाइल ने ही निशाना बनाया था. ये बात तो दबेमुंह पहले भी कही जाती रही है, लेकिन सरकार या सेना ने इस बात को स्वीकार नहीं किया था. अब जबकि आम चुनावों के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है,तब इस बात का सामने आना सवाल खड़े करता है.
ये घटना 27 फरवरी को उस समय हुई जब कश्मीर के बड़गाम में भारतीय वायु सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर अपने मिशन पर था. इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में वायु सेना के छह जवान और एक आम नागरिक समेत कुल सात लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
हालांकि इस बारे में पहले भी मीडिया में खबरें आईं थी. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने भी इस बात का अंदेशा जताया था कि भारतीय होलीकॉप्टर सेना की मिसाइलों का ही शिकार बन गया है. लेकिन इस बात को अब तक दबाकर रखा गया था.
सरकार और सेना की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी. उस समय इसे आंतरिक जांच का विषय बताकर टाल दिया गया था. लेकिन अब आम चुनावों के बाद ये बात सामने आ रही है.
इसी घटना के दौरान कैप्टन अभिनंदन का मिग विमान पाकिस्तानी सेना का निशाना बना था. उस घटना में अभिनंदन की जान बच गई थी. और वे पाकिस्तान के कब्जे में जा पहुंचे थे. दरअसल अभिनंदन वाले पूरे घटनाक्रम को मीडिया में बहुत ज्यादा तूल दिया गया, जिससे हेलीकॉप्टर की दुर्घटना वाली बात दबकर रह गई.
अभिनंदन का पाकिस्तान की गिरफ्त में आना और फिर सकुशल भारत वापसी को लेकर सरकार ने जमकर अपनी पीठ थपथपाई थी. सरकार ने राष्ट्रवाद की भावना के दोहन में कोई कसर नहीं छोड़ी. मीडिया में भी इसको जमकर भाव दिया गया था. लेकिन हेलीकॉप्टर दुर्घटना वाली बात पर्याप्त कवरेज ना मिलने के चलते आई-गई हो गई थी.
बताया जा रहा है कि शायद ये घटना भारतीय सेना के इतिहास में अपनी तरह के पहली सबसे बड़ी दुर्घटना है. जब आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि कर दी जाएगी तब कई बड़े और परेशान कर देने वाले सवाल खड़े होंगे.
भारतीय वायु सेना की प्राथमिक जांच रिपोर्ट से सामने आया है कि इस दौरान बहुत गंभीर किस्म की असावधानियां बरती गईं. ऑपरेशन के सामान्य मानकों का पालन भी नहीं किया गया.
एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा, “आम चुनाव में सरकार परेशान ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे को गुप्त रखा गया था.”
उन्होंने कहा, “अब जबकि मतदान हो चुका है, और एग्जिट पोल मोदी की सत्ता में वापसी की ओर संकेत कर रहे हैं. तब सेना के कुछ उच्च अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि हेलीकॉप्टर अपनी ही जमीन से आसमान में मार करने वाली मिसाइल के हमले में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है.”
उधर खबरों के मुताबिक वायु सेना ने इस कार्रवाई में लिप्त रहे एयर कमांडिंग ऑफिसर को पहले ही हटा दिया था. जांच में जो एक घोर लापरवाही सामने आ रही है वो हेलीकॉप्टर में मौजूद पहचान प्रणाली का बंद होना बताई जा रही है.
दरअसल विमानों में एक पहचान प्रणाली होती है जो इस बात की जानकारी देती है कि कोई विमान अपना है या दुश्मन का. इस मामले में ये प्रणाली को सक्रिय ही नहीं किया गया था.