असम में बाढ़ से 15 लाख लोग प्रभावित, सात लोगों की मौत


Amit Shah Meets Officials To Review Assam Flood Situation

 

असम में भारी बारिश के बाद अधिकतर जिलों में बाढ़ जैसे हालत बन गए हैं. असम के धेमाजी, लखीमपुर, बारपेटा, मोरीगांव, विश्वनाथ, सोनितपुर, दर्रांग, ग्वालपारा, नौगांव, गोलाघाट, जोरहट, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया समेत 25 जिलों में 14 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की सबसे अधिक मार बारपेटा पर पड़ी है, जहां 5.22 लाख प्रभावित हुए हैं.

असम के काजीरंगा पार्क का 70 फीसदी हिस्सा पानी में डूब गया है, जिसके चलते जानवारों को ऊंचाई वाले इलाकों में ले जाया गया है.

गोलाघाट प्रशासन ने उद्यान के आस-पास सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है क्योंकि बाढ़ की वजह से पशु यहां से निकलकर अपनी सुरक्षा में ऊंचाई वाले स्थान की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर कार्बी आंगलोंग पर्वतीय क्षेत्र की ओर जा रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एनडीआरएफ और बाढ़ के दौरान बचाव एवं राहत कार्य से जुड़ी सभी एजेंसियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. शाह ने यह निर्देश एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान दिया. बैठक में कई अन्य शीर्ष अधिकारी भी शामिल थे.

असम, बिहार और मेघालय भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ के कारण अब तक असम में सात, मेघालय में पांच और बिहार में दो लोगों की जान चली गई है.

बैठक में देश में वर्षा की स्थिति की समीक्षा की गई. अधिकारियों ने शाह को असम, बिहार और मेघालय की स्थिति से अवगत कराया.

शाह ने बैठक के बाद में ट्वीट में कहा कि उन्होंने गृह राज्यमंत्री राय एवं मंत्रालय तथा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उपयुक्त राहत, बचाव एवं पुनर्वास के कदम उठाने का निर्देश दिया है.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘गृहमंत्री ने एनडीआरएफ और सभी संबंधित अधिकारियों को बाढ़ से उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बिल्कुल सतर्क रहने का निर्देश दिया है.’’ राय ने बताया कि गृह मंत्री ने केंद्र सरकार के अधिकारियों को बाढ़ से अबतक प्रभावित हुए राज्यों के साथ नियमित संपर्क में रहने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा, ‘‘गृहमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जान-माल बचाने की सभी कोशिश होनी चाहिए.’’

राय ने कहा, ‘‘एनडीआरएफ की टीमें पहले ही प्रभावित राज्यों में तैनात कर दी गयी हैं. यदि जरूरत महसूस हुई तो और टीम भेजी जाएंगी. राज्यों को जिस भी तरह की जरूरत महसूस होगी, हम वह देने को तैयार हैं. संबंधित एजेंसियों ने 24 घंटे चलने वाले नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किये हैं.’’

गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भारतीय मौसम विभाग से मिली सूचना के मुताबिक पिछले तीन चार दिनों में असम और बिहार में अत्यधिक वर्षा हुई है, और अगले 48 घंटे के दौरान और अधिक वर्षा होने की संभावना है.

एनडीआरएफ के महानिदेशक ने बताया कि बाढ़ प्रभावित राज्यों में नुकसान संभावित क्षत्रों में पहले से ही एनडीआरएफ की 73 टीमें जरूरी उपकरणों के साथ तैनात हैं. असम और बिहार में एनडीआरएफ की टीमों ने अबतक 750 लोगों को बचाया भी है.

केंद्रीय जल आयोग ने भी सूचित किया है कि असम में ब्रह्मपुत्र, बेकी, जियाभारली, काटखाल और बराक तथा बिहार में कमला, बागमती, महानंदा, गंडक नदियां उफान पर हैं.

गुवाहाटी, जोरहट के निमाटीघाट, सोनितपुर के तेजपुर, ग्वालपरा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र और कच्छार के एपी घाट और करीमगंज के बदरपुरघाट में बराक खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) लगातार राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है.


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