पुणे सेशन कोर्ट ने आनंद तेलतुंबड़े को रिहा करने का आदेश दिया


Pune Police arrests Anand Teltumbde

 

पुणे सेशन कोर्ट ने आनंद तेलतुंबड़े को रिहा करने का आदेश दिया है. पुणे पुलिस ने दलित शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े को 2 फरवरी की सुबह गिरफ्तार किया था. उन्हें भीमा-कोरेगांव केस में माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े के पास 11 फरवरी तक के लिए अंतरिम सुरक्षा है. इस बीच वह सक्षम संस्था से बेल या गिरफ्तारी पूर्व जमानत ले सकते हैं.

एक फरवरी को कोर्ट ने इनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उनकी गिरफ्तारी इस याचिका के खारिज होने के तुरंत बाद हुई है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 14 जनवरी को आनंद तेलतुंबड़े के खिलाफ एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था. लेकिन, याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि वह अपनी जमानत के लिए चार हफ्ते के भीतर याचिका दायर कर सकते हैं.

 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किशोर वडाने ने कहा कि जांच अधिकारी ने आनंद तेलतुंबड़े के खिलाफ पर्याप्त सामग्री एकत्रित की है.

अदालत ने कहा कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है और आरोपी से हिरासत में पूछताछ करना जरूरी है.

अभियोजन पक्ष ने गुरुवार को ‘‘साक्ष्यों’’ वाला एक लिफाफा सौंपा था. उसने दावा किया था कि यह माओवादी गतिविधियों में तेलतुंबड़े की संलिप्तता को साबित करता है.

आनंद तेलतुंबड़े ने पुणे अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, क्योंकि बीती 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज की थी.

कोर्ट ने कहा था कि जांच प्रक्रिया इस समय जिस चरण में है, उसमें एफआईआर रद्द नहीं किया जा सकता. कोर्ट का मानना था कि एफआईआर रद्द करके वह फिलहाल जांच प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना चाहता.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि आनंद तेलतुंबड़े अपनी जमानत के लिए चार हफ्ते के भीतर याचिका दायर कर सकते हैं. हालांकि यह सोचने वाली बात जरूर है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी हुई अवधि पूरा होने से पहले ही पुणे पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

इससे पहले आनंद ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 24 दिसंबर के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उनके खिलाफ भीम कोरेगांव हिंसा में दर्ज एफआईआर को रद्द करने से मना कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ अभियोग चलाए जाने का पर्याप्त आधार है.

बता दें कि पुणे पुलिस का आरोप है कि आनंद तेलतुंबड़े के माओवादियों के साथ संबंध थे. पुणे पुलिस ने आनंद तेलतुंबड़े के गोवा स्थित घर पर छापेमारी कर यह दावा किया था कि उनको तेलतुंबड़े के खिलाफ अभियोग चलाने लायक पर्याप्त सामाग्री मिली है. वहीं, आनंद तेलतुंबड़े ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया था.


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