असम गण परिषद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी
असम गण परिषद (एजीपी) नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी. रविवार को पार्टी के नेता कुमार दीपक ने इसकी जानकारी दी. एजीपी असम में बीजेपी के साथ गठबंधन में है.
दीपक ने कहा कि पार्टी को आम लोगों की भावनाओं की परवाह है, और वे लोग नागरिकता संशोधन कानून के आने से अपनी पहचान और अस्तित्व को लेकर चिंतित हैं.
राज्य सभा के एक पूर्व सांसद दास ने कहा, ‘हम इस संशोधित कानून को रोकने के लिए कानून का रास्ता लेंगे. असम के स्वादेशी लोगों को अपनी पहचान और भाषा के खोने का डर सता रहा है.’
सूत्रों के मुताबिक दास के नेतृत्व में एजीपी का एक प्रतिनिधि-मंडल आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिका पर 18 दिसंबर को सुनवाई होनी है.
एजीपी के पूर्व मंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत ने कहा है कि पार्टी ने कभी भी इस कानून का समर्थन नहीं किया है.
उन्होंने एजीपी के नेतृत्व से गुजारिश की है कि इस मुद्दे पर अपना पक्ष साफ करें.
इससे पहले एजीपी कार्यकर्ताओं ने गुवाहाटी के अंबारी क्षेत्र में पार्टी के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया. उनकी मांग थी कि पार्टी अध्यक्ष अतुल बोरा और बैश्या समेत दो अन्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
वरिष्ठ एजीपी नेता बृंदाबन गोस्वामी ने कार्यकर्ताओं से गुजारिश की है कि असमिया लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए इस कानून को हटाने के लिए कोशिश करते रहना है.
गोस्वामी ने कहा, ‘ अब इस कानून के खिलाफ याचिका दायर करने का क्या मलतब है जब पार्टी के सांसद खुद इसके पक्ष में वोट करते हैं.’