शी के भारत दौरे के पहले चीन ने संबंधों को बेहतर करने की बात कही


before xi visit china says to make bilateral ties better

 

चीन की तरफ से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रस्तावित अनौपचारिक भारत दौरे की आधिकारिक तौर पर पुष्टि करने में अभी चार दिन का वक्त है. लेकिन इस बीच भारत में चीन के दूत सुन ह्वांग ने ट्वीट करके कहा है कि दोनों देशों को वुहान अनौपचारिक सम्मेलन के सकारात्मक परिणामों को आगे लेकर आगे बढ़ना होगा.

सुन व्हांग ने ट्वीट करते हुए कहा, “हमारे नेताओं के रणनीतिक निर्देशन में भारत और चीन ने पिछले समय में काफी प्रगति है. आने वाले समय को देखते हुए हमें वुहान अनौपचारिक सम्मेलन के सकारात्मक परिणामों को लेकर बढ़ना चाहिए. हमें मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए सकरात्मक ऊर्जा को इकट्ठा करना चाहिए.”

सुन के इस ट्वीट को भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में पैदा हुई दरार को भरने वाले बयान के तौर पर देखा जा रहा है. हाल ही में दोनों देशों की तरफ से आक्रामक बयानों की वजह से द्विपक्षीय संबंधों में खटास आई है.

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का प्रस्तावित अनौपचारिक भारत दौरा 11 और 12 अक्टूबर को हो सकता है. इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने बिना तारीख बताए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

साल 2018 में मोदी और शी के बीच अनौपचारिक वुहान सम्मेलन दौरे की घोषणा तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पांच दिन पहले की थी. 27 और 28 अप्रैल को यह सम्मेलन हुआ था.

पांच अक्टूबर को भारत ने पाकिस्तान में चीन के दूत याओ जिंग द्वारा कश्मीर के ऊपर की गई टिप्पणी को लेकर अपना विरोध जताया था. भारत ने याओ की इस टिप्पणी को कश्मीर पर चीन की स्थिति से विस्थापन के तौर पर देखा था और सफाई मांगी थी.

याओ जिंग ने कहा था कि कश्मीर विवाद पर चीन पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा होगा. उन्होंने कहा था, “हम कश्मीरियों को उनके मूलभूत अधिकार और न्याय दिलाने के लिए भी काम कर रहे हैं. कश्मीर मुद्दे का न्यायोचित हल निकलेगा और क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए चीन इस मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़ा होगा.”

इससे पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी 9 सितंबर को तय प्रतिनिधि स्तर के वार्तालाप के लिए भारत नहीं आए थे. वहीं पिछले हफ्ते चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारत द्वारा किए जा रहे हिमग्री सैन्य अभ्यास पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 27 सितंबर को कश्मीर का मुद्दा उठाया था.


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