बेस्ट कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही
बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) बसों के कर्मचारी सोमवार आधी रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. करीब 33 हजार कर्मचारी हड़ताल में शामिल थे. बेस्ट के कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि बेस्ट बजट को बीएमसी के मूल बजट में शामिल किया गया जाए. साथ ही आवास देने और नई भर्तियां करने सहित बेस्ट कर्मचारियों की कई दूसरी मांगे हैं.
लगातार दूसरे दिन बेस्ट बसों की हड़ताल की वजह से शहर के करीब 25 लाख रोजाना सफर करने वाले लोग प्रभावित हुए हैं. बेस्ट प्रशासन और एक औद्योगिक अदालत ने हड़ताल को अवैध घोषित किया था. इसके बावजूद कर्मचारी संघ के नेताओं के आह्वान पर कर्मचारियों ने 27 डिपो में से एक भी बस नहीं निकाली.
बेस्ट के पास लाल रंग की 3,200 से अधिक बसें हैं, जो शहर के अलावा आस-पास ठाणे जिले और नवी मुंबई में सेवाएं देती हैं. यह लोकल ट्रेन के बाद मुंबई में यातायात का सबसे बड़ा साधन है। इन बसों से लगभग 80 लाख यात्री रोजाना यात्रा करते हैं.कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से बेस्ट को रोजाना तीन करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है. बेस्ट कर्मचारी संघ के नेता शशांक राव ने आरोप लगाया कि परिवहन इकाई प्रशासन ने गतिरोध को दूर करने के लिए कोई खास रुचि नहीं दिखाई. जिससे कर्मियों के पास हड़ताल पर जाने के सिवा कोई चारा नहीं बचा.
गौरतलब है कि औद्योगिक अदालत ने सोमवार को हड़ताल को अवैध घोषित किया था और मजदूर संघों एवं बेस्ट कर्मियों को हड़ताल नहीं करने को कहा था. लेकिन राव का कहना है कि उन्हें अदालती आदेश की प्रति नहीं मिली है. वहीं बेस्ट प्रशासन ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को उन्हें दिए गए सरकारी आवास को खाली करने का नोटिस दिया है. इसमें कहा गया है कि या तो वे हड़ताल से वापस आए या फिर घर खाली करें.