त्रिपुरा पंचायत चुनाव: सीपीएम का आरोप, बीजेपी ने नहीं खड़े करने दिए उम्मीदवार


bjp won 86% seats uncontested cpm blames party bjp

 

त्रिपुरा में सीपीएम ने ग्राम पंचायत चुनावों में बीजेपी पर गुंडागर्दी और सत्ता का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. सीपीएम का आरोप है कि बीजेपी के गुंडों ने हथियारों के दम पर तमाम विपक्षी पार्टी के नेताओं को उम्मीदवारी का पर्चा नहीं भरने दिया. 86 फीसदी ग्राम पंचायत सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों के अलावा किसी और पार्टी का उम्मीदवार नहीं होने के चलते इन सीटों पर पार्टी की जीत पहले ही तय है.

त्रिपुरा में 27 जुलाई को तीसरे चरण का मतदान होगा. इसके लिए उम्मीदवार 11 जुलाई तक अपना नामांकन वापस ले सकते थे.

हालांकि ग्राम पंचायत के लिए डाले गए मतों की गिनती 31 जुलाई को होनी है, लेकिन अधिकतर सीटों पर बीजेपी का अकेला उम्मीदवार होने के चलते इन सीटों के परिणाम पहले ही स्पष्ट हैं.

सीपीएम का आरोप है कि बीजेपी के गुंडों ने हथियारों के दम पर तमाम विपक्षी पार्टी के नेताओं को उम्मीदवारी का पर्चा नहीं भरने दिया. त्रिपुरा में 27 जुलाई को तीसरे चरण का मतदान होगा. जिसके लिए उम्मीदवार 11 जुलाई तक अपना नामांकन वापस ले सकते थे.

पार्टी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है कि उनके 121 उम्मीदवारों ने बीजेपी की ओर से धमकी के बाद अपना नामांकन रद्द कर दिया.

सीपीएम के आरोपों के उलट बीजेपी ने पार्टी द्वारा उसके कार्यकर्ताओं को परेशान करने की बात कही है.

वहीं राज्य चुनाव आयुक्त जी कामेश्वरा राव ने बताया कि उनके पास किसी भी पार्टी ने हिंसा की शिकायत दर्ज नहीं कराई है. सीपीएम नेता मुझसे आकर मिले थे लेकिन उनके पास ज्यादा मामलों की शिकायत नहीं थी.

त्रिपुरा में कुल 6,111 ग्राम पंचायत सीटें हैं. चुनाव में सीपीएम के 4 फीसदी और कांग्रेस के 10 फीसदी सीटों पर ही उम्मीदवार खड़े किए. जबकि बीजेपी ने सभी 6,111 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

जिसमें से 5,278 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार निर्विरोध रूप से जीत दर्ज कर रहे हैं.

सीपीआई(एम) पोलित ब्यूरो की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “6,111 सीटों में से 306 पर लेफ्ट फ्रंट के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. पंचायत समिति की 419 सीटों में से 56 सीटों पर और जिला परिषद की 116 में से 67 सीटों पर लेफ्ट फ्रंट ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं.”

“एक जुलाई से आठ जुलाई तक सीपीएम उम्मीदवारों को बीजेपी के गुंड़ों ने नामांकन भरने से लगातार रोका.” पार्टी ने कहा, “सभी चुनाव कार्यलयों के बाहर बीजेपी के बाइक सवार बदमाश खड़े हुए थे, जो विपक्षी उम्मीदवारों को पर्चा लेने और फिर जमा करने से रोक रहे थे. पुलिस इनमें कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी.”

त्रिपुरा बीजेपी के प्रवक्ता अशोक सिन्हा ने कहा कि जब से बीजेपी सत्ता में आई है तब से एक भी राजनीतिक हत्या नहीं हुई है. उन्होंने सीपीआई(एम) के आरोपों को ज्यादा तरजीह ना देते हुए कहा कि पार्टी ऐसा करके खबरों में बने रहना चाहती है.

राज्य चुनाव आयुक्त जी कामेश्वरा राव ने द इंडियन एक्स्प्रेस को बताया कि ग्राम पंचायत चुनाव के लिए सीपीआई(एम) ने 369 वैध नामांकन भरे थे. इनमें से 64 ने नामांकन वापस ले लिया है. कांग्रेस ने 708 वैध नामांकन भरे थे, जिनमें से 97 नामांकन वापस ले लिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि “पंचायत समिति के स्तर पर कुल 418 सीटों में से 338 सीटों पर विपक्षी पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा है. वहीं जिला परिषद स्तर पर कुल 116 सीटों में से 37 सीटों पर विपक्षी पार्टी का उम्मीदवार नहीं खड़ा है.”

धलाई जिला की 393 ग्राम पंचायत सीटों में से केवल 3 सीटों पर मुकाबला देखने को मिलेगा. इसके अलावा जिले की सभी जिला परिषद सीटों और पंचायत समिति पर कोई मुकाबला नहीं देखने को मिलेगा.

राव ने मामले के एक अहम पक्ष पर रोशनी डालते हुए बताया कि “ऐतिहासिक रूप से त्रिपुरा पंचायत चुनावों में विपक्ष की भागीदारी कभी इतनी कम नहीं रही है. राज्य में वैसे भी अधिक संख्या में लोग वोट डालते हैं. ऐसे में इस बार विपक्ष के काफी कम उम्मीदवार खड़े हुए हैं. चार से छह ब्लॉक को छोड़कर इस बार सब जगह उम्मीदवारी काफी कम रही. मैं इसके पीछे जिम्मेदार कारणों पर तो कोई टिप्पणी नहीं कर सकता हूं.”


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