बागी विधायकों के इस्तीफे पर तुरंत फैसला नहीं ले सकता: केआर रमेश कुमार


karnataka govt should fulfill its promise of completing floor test says assembly speaker

 

कर्नाटक के बागी विधायकों के इस्तीफे पर 11 जुलाई को फैसला लेने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य विधानसभा के स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है के असंतुष्ट विधायकों से मिल तो सकते हैं, लेकिन शायद वे विधायकों के इस्तीफे पर कोई फैसला 11 जुलाई को देने में समर्थ नहीं हैं.

कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा है कि उन्हें यह जांचने के लिए वक्त चाहिए कि क्या अंसतुष्ट विधायकों ने अपने इस्तीफे स्वेच्छा से दिए हैं या फिर किसी दबाव में.

केआर रमेश कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह भी पूछा गया है कि क्या सुप्रीम कोर्ट किसी विधानसभा अध्यक्ष के लिए समय सीमा तय कर सकता है. स्पीकर की इस याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 12 जुलाई को सुनवाई होगी.

इससे पहले कर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापठक के बीच सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों के इस्तीफे के मामले में महत्वपूर्ण फैसला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने असंतुष्ट विधायकों को 11 जुलाई की शाम छह बजे कर्नाटक विधानसभा स्पीकर से मिलने और उन्हें अपने इस्तीफे के निर्णय से अवगत कराने की अनुमति दी.

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर से 11 जुलाई को ही विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने के लिए कहा. इसके साथ ही कोर्ट ने कर्नाटक के डीजीपी को बागी विधायकों को सुरक्षा देने के लिए कहा. कोर्ट ने इस पूरे मुद्दे पर सुनवाई 12 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है.

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के बागी विधायकों की उस याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भरी थी, जिसमें उन्होंने राज्य के विधानसभा अध्यक्ष पर इस्तीफा स्वीकार ना करने का आरोप लगाया था और सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई की मांग की थी.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इन विधायकों की याचिका का उल्लेख किया और इसे शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था.

वहीं राज्य विधानसभा के अध्यक्ष ने 9 जुलाई को कहा था कि 14 बागी विधायकों में से नौ के इस्तीफे सही नहीं थे.

कांग्रेस ने इस मामले में अध्यक्ष के आर रमेश कुमार से हस्तक्षेप करने और इन विधायकों को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह उसके सदस्यों को धन का प्रलोभन दे रही है. हालांकि, बीजेपी ने इस तरह के आरोपों से इंकार किया है.

कर्नाटक विधानसभा के 13 सदस्य जिसमें कांग्रेस के 10 और जेडीएस के तीन सदस्यों ने छह जुलाई को सदन की सदस्यता से अपने अपने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को सौंपे थे. इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के लिए राजनीतिक संकट पैदा हो गया था. इसी बीच, कांग्रेस के एक अन्य विधायक आर रोशन बेग ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया.

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया है कि इस्तीफा देने वाले 14 विधायकों में एस टी सोमशेखर, मुनिरत्न, बी ए बसवराज, प्रताप गौडा पाटिल, बी सी पाटिल, रमेश जारकिहोली, ए शिवमरा हब्बर, महेश कुमातल्ली, रामलिंग रेड्डी, आनंद सिंह और बेग (सभी कांग्रेस) और गोपालैया, नारायण गौडा, अडगुर एच विश्वनाथ (सभी जेडीएस) शामिल हैं.

राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में 116 सदस्य हैं. अध्यक्ष के अलावा इनमें कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37 और बसपा का एक सदस्य शामिल है.


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