स्थानांतरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं सीबीआई अधिकारी


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  PTI

सीबीआई अधिकारी अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.  अंग्रेजी अखबार द हिन्दू ने एक वकील के हवाले से खबर दी है कि सीबीआई के दो अधिकारी अपने तबादले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. दोनों अधिकारियों के तबादले को अंतरिम सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव ने अनुमति दी थी.

अखबार के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में याचिका देने के लिए दोनों अधिकारियों ने वकीलों से विचार विमर्श किया है. इस मामले में याचिकाकर्ता अदालत की अवमानना को लेकर भी आरोप लगा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव पर नीतिगत फैसले लेने पर रोक लगाई थी.

आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख पद से हटाया गया

सीबीआई के निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाए जाने के एक दिन बाद 11 जनवरी को अतिरिक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को दोबारा सीबीआई के अंतरिम निदेशक का कार्यभार दे दिया गया था.  एम नागेश्वर राव ने आलोक वर्मा के सभी आदेशों को निरस्त करते हुए आठ जनवरी से पहले तक वाली स्थिति बहाल कर दी थी.

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने नागेश्वर राव के तबादलों के फैसले रद्द किए

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अंतरिम निदेशक बनने के बाद एम नागेश्वर राव ने आलोक वर्मा की ओर से कोयला घोटाला मामले में आईएएस अधिकारियों पर लिए गए फैसले को बदल दिया है. सीबीआई ने इस खबर का खंडन किया है.

सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि केवल आलोक वर्मा की ओर से लिए गए स्थानांतरण के आदेशों को ही निरस्त किया गया है.

एजेंसी ने सफाई में कहा है कि कोयला घोटला आवंटन के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है और सीबीआई नियमित अंतराल पर अपनी रिपोर्ट दे रही है.

सीबीआई की ओर से कहा गया है कि जांच को लेकर लिए गए किसी भी फैसले को बदलने का कोई सवाल पैदा नहीं होता है.

आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी की बात अंतिम प्रमाण नहीं: जस्टिस पटनायक

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्चधिकार समिति ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से आलोक वर्मा को दोबारा बहाल करने के 48 घंटे के भीतर उन्हें पद से हटा दिया था. इसके बाद स्थानांतरण के कई आदेश जारी किए गए थे. इनमें ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के छह अधिकारी, सीबीआई के मुख्य प्रवक्ता के साथ-साथ डिप्युटी डायरेक्टर और असिस्टेंट डायरेक्टर स्तर के कई अधिकारी शामिल थे.

जानकारों के मुताबिक एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को दिल्ली स्पेशल पुलिस स्टैबलिसमेंट एक्ट के खंड 4ए के तहत सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.


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