राफेल मामले पर केंद्र का हलफनामा, कहा- गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर ना की जाए सुनवाई


we are not a trial court can not assume jurisdiction for every flare up in country

 

राफेल मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसले को सही ठहराते हुए हलफनामा दाखिल किया है. केंद्र के ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि ‘राफेल सौदे पर 14 दिसंबर, 2018 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही था और अप्रमाणित मीडिया रिपोर्ट्स और गलत तरीकों से पेश किए गए गोपनीय दस्तावेजों को आधार बनाकर आगे सुनवाई नहीं की जा सकती है.’

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राफेल सौदा मामले में शीर्ष अदालत के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाओं पर चार मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.

केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि ‘कोर्ट के गोपनीय दस्तावजों की जांच के फैसले से रक्षा, बलों की तैनाती, परमाणु प्रतिष्ठानों, आतंकवाद निरोधक उपायों आदि से संबंधित गुप्त सूचनाओं का खुलासा होने की संभावना बढ़ गई है.’ साथ ही कहा गया है कि ‘खरीद प्रक्रिया की समीक्षा देश में वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है और इसका फायदा पड़ोसी देशों को भी मिल सकता है.’

इससे पहले, राफेल मामले में गोपनीय दस्तावेजों को आधार बनाकर सुनवाई करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को केंद्र को बड़ा झटका दिया था. कोर्ट ने राफेल मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश तीन अहम दस्तावेजों (सरकारी गोपनीय दस्तावेज) को आधार बनाकर सुनवाई करने की मंजूरी दे दी थी.

जबकि केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने फ्रांस के साथ हुए राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा किया था. उन्होंने कोर्ट से कहा था कि संबंधित विभाग की अनुमति के बगैर कोई भी इन्हें कोर्ट में पेश नहीं कर सकता.

कोर्ट पुनर्विचार याचिकाओं पर छह मई को सुनवाई करेगा.


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