नागरिकता विधेयक नगालैंड पर लागू नहीं हो सकता : नेफ्यू रियो


Citizenship bill not be applicable as Nagaland protected under Article 371A says Neiphiu Rio

 

नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है कि नागरिकता विधेयक राज्य पर लागू नहीं हो सकता क्योंकि इसे संविधान के अनुच्छेद 371 (ए) के तहत संरक्षण प्राप्त है.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया कि राज्य को संविधान के अनुच्छेद 371 (ए) और बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन 1873 में इनर लाइन परमिट के तहत संरक्षण मिला हुआ है.

इस अनुच्छेद में नगालैंड के लिये विशेष प्रावधान किए गए हैं.

इसमें कहा गया है कि नगाओं की धार्मिक या सामाजिक परंपराओं, नगा प्रथाओं संबंधी कानून एवं प्रक्रिया, नगा प्रथा कानून के अनुसार निर्णय लेने वाले नागरिक एवं आपराधिक न्याय के प्रशासन, भूमि एवं उसके संसाधनों का स्वामित्व और हस्तांतरण से जुड़े मामलों पर संसद का कोई कानून तब तक लागू नहीं हो सकता, जब तक राज्य विधानसभा ऐसे निर्णयों के संबंध में प्रस्ताव पारित नहीं कर देती.

बैठक में नागरिकता विधेयक के नगालैंड और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों पर पड़ने वाले असर को लेकर चर्चा हुई. यह विधेयक आठ जनवरी को लोकसभा से पारित हो चुका है.

विज्ञप्ति में कहा गया कि कैबिनेट के निर्णय के अनुसार मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर अपनी चिंताओं के बारे में बताया है.

बैठक के दौरान राज्य की कैबिनेट ने केंद्र सरकार से यह अपील करने का निर्णय लिया कि वह सभी पूर्वोत्तर राज्यों के साथ विचार विमर्श कर यह सुनिश्चित करें कि इन राज्यों के मूल निवासियों के हित पूरी तरह सुरक्षित हैं.

नागरिकता विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत में छह साल निवास करने के बाद किसी दस्तावेज बिना भी नागिरकता दिए जाने का प्रावधान है. फिलहाल ऐसे लोगों को 12 वर्ष भारत में निवास करने के बाद नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है.


Big News