नागेश्वर राव के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से अलग हुए CJI


review petition filed in ayodhya verdict

 

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.

चीफ जस्टिस ने कहा कि वो जांच ब्यूरो के नए निदेशक का चयन करने वाली समिति का हिस्सा होंगे, इसलिए इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नये निदेशक का चयन करेगी. इस समिति के अन्य सदस्यों में प्रधान न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित शीर्ष अदालत के न्यायाधीश और सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल हैं.

चीफ जस्टिस और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक के रूप में नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ गैर सरकारी संगठन ‘कामन काज’ की जनहित याचिका पर सुनवाई करने वाली थी.

भ्रष्टाचार और अपने कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति लापरवाही के आरोपों के चलते जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक कुमार वर्मा को उच्चस्तरीय समिति ने पद से हटा दिया था. जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारी नागेश्वर राव को जांच ब्यूरो के नए निदेशक की नियुक्ति होने तक की अवधि के लिए दस जनवरी को अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया था.

याचिका में जांच ब्यूरो के निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि नागेश्वर राव की नियुक्ति उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश के आधार पर नहीं की गई है.

याचिका में कहा गया है कि इससे पहले पिछले साल 23 अक्टूबर को नागेश्वर राव की जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्ति को शीर्ष अदालत ने आठ जनवरी के फैसले में निरस्त कर दिया था.


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