CJI यौन उत्पीड़न मामला: आरोप लगाने वाली महिला ने मांगी रिपोर्ट की कॉपी


rise of populist forces in democracy poses threat to judiciary: cji ranjan gogoi

 

सीजेआई यौन शोषण मामले में जस्टिस रंजन गोगोई को क्लीन चिट मिलने के बाद आरोप लगाने वाली महिला ने रिपोर्ट की एक कॉपी की मांग की है. महिला ने कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 का हवाला देते हुए कमिटी की रिपोर्ट की एक कॉपी मांगी है.

इस मामले की आंतरिक जांच के लिए गठित जस्टिस बोबड़े कमिटी ने आरोपी जस्टिस रंजन गोगोई को क्लीन चिट दे दी है. कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में गोगोई पर लगे आरोपों को आधारहीन बताया है.

इससे पहले फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट कार्यालय की ओर से कहा गया था कि आंतरिक जांच कमिटी ने वरीयता क्रम में दूसरे सीनियर जज को रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें कहा गया था कि रिपोर्ट की एक कॉपी जस्टिस रंजन गोगोई को भी दी गई है.

कार्यालय के नोटिस में ये भी कहा गया था कि जांच पूरी तरह से आंतरिक होने के चलते इसे सार्वजनिक  नहीं किया जा सकता.

‘इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया’ का हवाला देते हुए कमिटी ने कहा था कि आंतरिक कार्रवाई के आधार पर रिपोर्ट बनाई गई है, जिसे सार्वजनिक करने की बाध्यता नहीं है.

इस मामले में आरोप लगाने वाला महिला ने कहा कि उसके पास रिपोर्ट की प्रति पाने का अधिकार है. महिला ने कहा कि उसे इस मामले में हुई जांच के सबूत और गवाह के बारे में जानने का भी अधिकार है.

महिला ने कहा है कि अगर उसे रिपोर्ट की कॉपी नहीं दी जाती है तो ये प्राकृतिक न्याय के खिलाफ होगा और समूचे न्यायिक सिस्टम का मखौल उड़ाना होगा.

महिला ने कहा कि ये रिपोर्ट सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत भी सार्वजनिक की जानी चाहिए. इससे पहले कोर्ट की पूर्ण पीठ अपने फैसले में कह चुकी है कि जजों के संपत्ति तक आरटीआई के आधीन आती है.


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