कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस जांच की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि इस मामले में पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए क्योंकि आंकड़ा और सच्चाई छिपाना घातक साबित हो सकता है.
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार को पूरी स्थिति की सही जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए ताकि जनता और प्रशासन कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ सके.
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने ट्वीट किया, ”उप्र में जांच को लेकर काफी लोग चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं. कोरोना से लड़ाई में पारदर्शिता बड़े काम की चीज है. सर्व समाज और सरकार मिलकर ही इस महामारी को शिकस्त दे सकते हैं.”
उन्होंने दावा किया, ” पूरी दुनिया मान चुकी है कि ढंग से और ज्यादा से ज्यादा जांच करना ही कोरोना के रोकथाम की कुंजी है. उप्र सरकार ने दो दिनों से जांच की संख्या बताना बंद कर दिया है.” प्रियंका ने कहा कि जांच को लेकर पूरी तरह तरह पारदर्शिता होनी चाहिए ताकि जनता को जानकारी मिले और समाज एवं प्रशासन इस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ पाएं.
उप्र में टेस्टिंग को लेकर काफी लोग चिंताएँ व्यक्त कर रहे हैं। कोरोना से लड़ाई में पारदर्शिता बड़े काम की चीज है। सर्व समाज और सरकार मिलकर ही इस महामारी को शिकस्त दे सकते हैं। इस संदर्भ में कुछ सुझावों को मैं यहाँ साझा कर रही हूँ।#Covid_19 pic.twitter.com/79ET1BYCfO — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 25, 2020
उप्र में टेस्टिंग को लेकर काफी लोग चिंताएँ व्यक्त कर रहे हैं। कोरोना से लड़ाई में पारदर्शिता बड़े काम की चीज है। सर्व समाज और सरकार मिलकर ही इस महामारी को शिकस्त दे सकते हैं। इस संदर्भ में कुछ सुझावों को मैं यहाँ साझा कर रही हूँ।#Covid_19 pic.twitter.com/79ET1BYCfO
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 25, 2020
उन्होंने कहा, ” आंकड़े और सच्चाई छिपाने से यह समस्या और घातक हो जाएगी. उप्र सरकार को यह जल्द से जल्द से समझना होगा. प्रदेश के किस लैब में कितनी जांच हो रही है, सभी लैब कि प्रतिदिन जांच की क्षमता क्या है, यह आंकड़ा जनता के समक्ष रखना जरूरी है.”
उनके मुताबिक उत्तर प्रदेश में जांच पूल टेस्टिंग (एकसाथ कई नमूनों की जांच) नियमों का पालन करते हुए होनी चाहिए और पूरी सावधानी बरती जानी चाहिए.
प्रियंका ने यह भी कहा, ”पृथक-वास केंद्रों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है. पृथक-वास की अवधि पूरी करके जाने वालों की दोबारा जांच को लेकर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए.”