सीपीआई नेता और पूर्व सांसद गुरुदास दासगुप्ता का निधन
सीपीआई के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद गुरुदास दासगुप्ता का आज कलकत्ता स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वो 83 साल के थे और कुछ समय से दिल और किडनी से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे.
गुरुदास दासगुप्ता देश के दिग्गज वामपंथी नेताओं में शुमार थे. वो अपने राजनीतिक करियर में 3 बार राज्यसभा और 2 बार लोकसभा के सदस्य रहे.
सीपीआई के पश्चिम बंगाल सचिव स्वपन बनर्जी ने कहा, ‘आज सुबह 6 बजे कलकत्ता में उनके घर पर उनका निधन हो गया. खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था लेकिन वो सीपीआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद से जुड़े रहे थे.’
दासगुप्ता के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता जी के निधन पर दुखी हूं. उन्हें एक सांसद के रूप में राष्ट्र को दिए योगदान और ट्रेड यूनियन के नेता के रूप में याद किया जाएगा. उनके परिवार, मित्रों और साथियों के प्रति संवेदना प्रकट करती हूं.’
दासगुप्ता पहली बार 1985 में राज्यसभा सांसद बने. इसके बाद 1988 में वह दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए. 1994 में दासगुप्ता तीसरी बार राज्यसभा पहुंचे. 3 बार राज्यसभा सांसद रहने के बाद 2004 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता.
2004 के बाद दासगुप्ता 2009 में लगातार दूसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए.
वो अपने जीवन में लंबे समय तक कर्मचारी संगठनों के आंदोलन से जुड़े रहे और 2001 में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के महासचिव चुने गए. दासगुप्ता साल 2004 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिवालय के लिए चुने गए.
खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था.