मिस्र: अल-सीसी का कार्यकाल 2030 तक बढ़ाने के लिए जनमत संग्रह


egypt votes in referendum to extend president el-sisi tenure

 

मिस्र इस समय तीन दिवसीय जनमत संग्रह से गुजर रहा है. इसका मकसद मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी का कार्यकाल बढ़ाकर 2030 तक करना है. दरअसल राष्ट्रपति का कार्यकाल बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन की जरूरत होगी.

ये जनमत संग्रह इसी संविधान संशोधन के सवाल पर किया जा रहा है.

कतर आधारित न्यूज चैनल अलजजीरा के मुताबिक मिस्र की संसद इस बारे में पहले ही निर्णय ले चुकी है.

हालांकि इस बारे में मिस्र सहित कई जगहों के बुद्धिजीवी लोग चिंता जाहिर कर रहे हैं. मिस्र के जाने-माने समीक्षक अब्दुल्ला अल-सेनावी इसे देश के स्थायित्व के लिए खतरा मानते हैं. वो कहते हैं कि राष्ट्रपति अपनी शक्तियों में लगातार इजाफा कर रहे हैं और संस्थाओं के बीच सामंजस्य भी बिगाड़ रहे हैं.

अब्दुल्ला कहते हैं, “संविधान में परिवर्तन शासन की कमजोरी को दिखाता है. ये इस बात की निशानी है कि जिस तरह सूडान और अल्जीरिया में हुआ उसी तरह यहां के शासन का भी अंत होने वाला है.”

596 सदस्यीय मिस्र की संसद सीसी के समर्थकों से भरी पड़ी है. संविधान संशोधन के लिए हुए मतदान के दौरान 554 सांसद उपस्थित रहे जिनमें से 531 ने सीसी के समर्थन में वोट किया.

हालांकि मिस्र में सीसी समर्थकों की संख्या भी कम नहीं है. कई लोग खुलकर सीसी के समर्थन में बोलते हैं. 63 वर्षीय खादिजा इनमें से एक हैं. वे कहती हैं कि सीसी ने देश को सुरक्षा और स्थायित्व दिया है. उन्होंने हमारी पेंशन बढ़ाई है.

इस जनमत संग्रह के दौरान देश के नागरिक ऊपरी सदन के गठन के बारें में भी फैसला देंगे. मिस्र में फिलहाल संसद का सिर्फ एक सदन है.

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अक्सर सीसी सरकार की आलोचना की है. सीसी पर अपने राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए गलत तरीकों के इस्तेमाल का आरोप लगता रहा है.


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