आचार संहिता उल्लंघन मामले में प्रज्ञा ठाकुर को एक बार फिर EC का नोटिस


Pragya Thakur apologises for calling Godse a 'patriot'

 

चुनाव आयोग ने एक बार फिर प्रज्ञा ठाकुर को अयोध्या पर दिए गए उनके विवादित बयान के लिए नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग की ओर से प्रज्ञा को आचार संहिता उल्लंघन का यह दूसरा नोटिस दिया गया है.

मध्य प्रदेश में भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रज्ञा से एक दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा है.

भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर ने विवादास्पद बयान में कहा था कि “मैंने ही ढांचा गिराया था. अब मैं वहां जाऊंगी और राम मंदिर निर्माण में मदद करूंगी. हमें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता है. राम राष्ट्र है और राष्ट्र राम है.”

इससे पहले भी शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के ऊपर दिए गए विवादित बयान को लेकर चुनाव आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर को नोटिस भेजा था. यह नोटिस जिला चुनाव अधिकारी और कलेक्टर की तरफ से जारी किया गया था.

उन्होंने कहा था कि “महाराष्ट्र एटीएस चीफ हेमंत करकरे की मौत इसलिए हुई क्योंकि मैंने उसे श्राप दिया था.” लेकिन बाद में वो अपने बयान से पलट गईं और खुद को बयान से अलग कर लिया.

प्रज्ञा के बयान के बाद बैकफुट पर आई बीजेपी ने डैमज कंट्रोल करते हुए उनके बयान को निजी करार दिया था.

48 साल की प्रज्ञा ठाकुर अभी जमानत पर बाहर हैं. प्रज्ञा ठाकुर 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके मामले की मुख्य आरोपी है. मालेगांव बम धमाके मामले में स्पेशल कोर्ट ने प्रज्ञा के ऊपर से मकोका हटा दिया है. हालांकि, प्रज्ञा पर अभी इस मामले में प्रतिबंधित गतिवधियों के रोकथाम एक्ट के तहत सुनवाई चल रही है.


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