छापेमारी को लेकर चुनाव आयोग ने केंद्र को किया आगाह


ex administrative officers alleged election commission of irregularities

 

लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय एजेंसियों की अतिरिक्त सक्रियता के बीच चुनाव आयोग ने केंद्र को इसे लेकर आगाह किया है. आयोग ने कहा है कि आचार संहिता के दौरान होने वाली कार्रवाई एकतरफा नहीं होनी चाहिए. चुनाव आयोग ने ऐसी किसी भी कार्रवाई से पहले उसे इसकी सूचना देने के निर्देश दिए हैं.

इस चुनावी माहौल में जब प्रचार अभियान चरम पर है, आयकर विभाग देशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहा है. विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी जानबूझकर उन्हें और उनके नजदीकियों को निशाना बना रही है.

चुनाव आयोग ने खासकर वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग को इस बारे में आगाह किया है.

जांच एजेंसियों को लिखे एक पत्र में आयोग ने कहा, “चुनाव के दौरान जांच एजेंसियों को किसी तरह की एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए. चाहे ये चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित करने को लेकर की जाने वाली कार्रवाई हो जैसे वोट के लिए धन और बल का प्रयोग. इस तरह के किसी भी संदेहास्पद क्रियाकलाप की जानकारी चुनाव आयोग को हर हाल में दी जानी चाहिए.”

चुनाव आयोग का ये पत्र ऐसे समय में सामने आया है जबकि आयकर विभाग आचार संहिता लागू होने के बाद से अति सक्रिय हो गया है. इसको लेकर विपक्षी दल जैसे जदएस और कांग्रेस ने चुनाव के दौरान सरकार पर एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है.

बीते रविवार को आईटी ने पूरे देश में छापेमारी की. इस दौरान विपक्षी नेताओं और उनके नजदीकियों को एक बार फिर से निशाना बनाया गया.

इस कार्रवाई में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के पूर्व निजी सचिव और एक सलाहकार के ठिकानों पर छापेमारी की गई.

इस कार्रवाई को लेकर आयोग ने कहा था कि उसे इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी. आयोग की ओर से कहा गया कि आयकर विभाग के नोडल ऑफिसर प्रशांत कुमार मिश्रा ने मध्य प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी को इंदौर और भोपाल के छापों के बारे में सुबह आठ बजे बताया.

इससे पहले कर्नाटक में भी इसी तरह की कार्रवाई की जा चुकी है. जहां मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने पहले ही चेतावनी दी थी. इसके बाद एचडी देवेगौड़ा ने आरोप लगाया था कि मोदी चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों को कमजोर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.


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