पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का निधन


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देश के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का लम्बी बीमारी के बाद राजधानी नई दिल्ली में निधन हो गया है.

उनकी उम्र 88 वर्ष थी. उन्हें अल्जाइमर था और हाल में वे स्वाइन फ़्लू से भी पीड़ित हुए थे. वे अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में देश के रक्षा मंत्री थे. इसके अलावा वे देश के संचार मंत्री, उद्योग मंत्री और रेल मंत्री भी रहे.

3 जून, 1930 को जन्मे जॉर्ज फर्नांडिस ने साल 1967 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता एसके पाटिल को दक्षिण बॉम्बे की सीट से पराजित किया था. वे ट्रेड यूनियन आन्दोलनों का हिस्सा रहे थे. ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन’ के चेयरमैन के तौर पर उन्होंने 8 मई, 1974 को ऐतिहासिक देशव्यापी रेल हड़ताल का नेतृत्व किया था. इसके बाद वे तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के निशाने पर आए.

आपातकाल के दौरान उन सहित 25 लोगों पर बड़ौदा डायनामाइट केस के लिए सीबीआई ने केस दर्ज किया. उन पर आरोप था कि वे इंदिरा गांधी की चुनावी जनसभाओं के आस-पास की जगहों पर विस्फोट करने की तैयारी में थे. हालांकि जनता पार्टी की सरकार आने के बाद यह मामला बंद कर दिया गया था.

साल 1977 में हुए ऐतिहासिक लोकसभा चुनाव में वे मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से जीते. यह चुनाव उन्होंने जेल में रहते हुए लड़ा था. जनता पार्टी की सरकार में ही वे उद्योग मंत्री बने.

1990 के दशक में उनकी राजनीतिक विश्वसनीयता को तब भारी क्षति पहुंची जब उन्होंने जनता दल के टूटने के बाद समता पार्टी का गठन करते हुए भाजपा को समर्थन दिया. बाद में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वे देश के रक्षा मंत्री बने. इस कार्यकाल में उनका नाम ताबूत घोटाले और तहलका मामले से जुड़ा. हालांकि अदालत में उन पर आरोप साबित नहीं हुए.

साल 2002 में गुजरात में नरेंद्र मोदी के शासन काल में गोधरा दंगों में हुई हिंसा को भी उन्होंने संसद में जायज ठहराने की कोशिश की, जिस पर उनकी बहुत आलोचना हुई. रक्षा मंत्री रहते हुए वे अपने सियाचीन ग्लेशियर दौरों के लिए खूब चर्चित हुए.


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