आतंकवाद से लड़ाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ लड़ाई नहीं: सुषमा स्वराज
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) के बैठक के दौरान अपने भाषण में आतंकवाद के खिलाफ जोरदार हमला किया है. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि आंतक की लड़ाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और इसको जल्द खत्म करने की जरुरत है.
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि “आतंकवाद का दायरा बढ़ रहा है. आतंकवाद को पनाह और फंडिंग जल्द बंद होनी चाहिए, यह पूरी दुनिया के लिए खतरा है.”
प्रमुख मुस्लिम देशों के नेताओं से स्वराज ने कहा, ‘‘आतंकवाद और चरमपंथ के नाम अलग-अलग हैं. वे विभिन्न कारणों का हवाला देते हैं, लेकिन अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए वे धर्म को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं और भ्रमित आस्थाओं से प्रेरित होते हैं’’.
इस दो दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुई स्वराज ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा हो भी नहीं सकता, क्योंकि भारत अनेकता में एकता वाला देश है’’.
57 सदस्यीय इस्लामिक समूह की बैठक में स्वराज ने कहा, ‘‘जैसे की इस्लाम का मतलब अमन है और अल्लाह के 99 नामों में से किसी का मतलब हिंसा नहीं है. इसी तरह दुनिया के सभी धर्म शांति, करुणा और भाईचारे का संदेश देते हैं.’’
इससे पहले ओआईसी की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री के शामिल होने की वजह से पाकिस्तान ने बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था.
यूएई में मार्च एक से दो के बीच होने वाले ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन (ओआईसी) सम्मेलन में सुषमा स्वराज को बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किया गया है. उन्हें यह आमंत्रण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की ओर से मिला है. कुरैशी ने कहा है कि ‘सैद्धांतिक आधार’ पर वे इस सम्मलेन में हिस्सा लेने नहीं जाएंगे.
कल कुरैशी ने पाकिस्तानी मीडिया ‘जियो न्यूज’ को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें ओआईसी या किसी भी इस्लामिक देश से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन सुषमा स्वराज इसका हिस्सा बनती हैं तो उनकी मौजूदगी दर्ज नहीं होगी.