अगले मार्च तक चलेगा अनाज का भंडार: एफसीआई प्रमुख
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डीवी प्रसाद ने कहा कि अनाज का फिलहाल इतना स्टॉक उपलब्ध है कि अगले साल मार्च तक चलेगा. उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा, ‘…पर ये कहना गलत होगा कि स्टॉक बफर स्टाक की आवश्यकता से कहीं अधिक है.’
खाद्य सुरक्षा कार्यकर्ता ने मागं की है कि केंद्र सरकार राज्यों को मुफ्त या मामूली कीमत पर मौजूदा आवंटन से अतिरिक्त अनाज उपलब्ध कराए.
इस पर प्रसाद ने अखबार द हिंदू को बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को ध्यान में रखते हुए प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल या आटा देने को ध्यान में रखने हुए बफर स्टॉक के नियम तय किए गए हैं और ये नियमों के अनुकूल है.
उन्होंने कहा कि ये नियम सामान्य स्थितियों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए थे लेकिन मौजूदा महामारी की स्थिति में इसमें बदलाव जरूरी हैं जैसा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत तीन महीने तक अतिरिक्त एक किलो दाल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है.
इस समय 564 लाख टन कुल अनाज का स्टॉक है. इसमें से 284 लाख टन चावल, 280 लाख टन गेंहू है. अप्रैल, मई और जून में एनएफएसए स्कीम की नियमित प्रक्रिया के तहत 200 लाख टन भेजा जाएगा, पांच किलो प्रत्येक एनएफएसए लाभार्थी को पीएमजीकेएवाई के तहत और नई स्कीम के तहत गैर-एनएफएसए कार्ड धारकों और एनजीओ को भी अनाज वितरित किया जाएगा.
गैर-एनएफएसए कार्ड धारकों के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने बताया कि राज्यों से ‘अच्छी’ प्रतिक्रिया मिल रही है. अब तक 27 हजार टन चावल और 18 हजार टन गेंहू राज्यों द्वारा लिया गया है. महाराष्ट्र को 16,326 टन गेंहू (21 रुपये प्रति किलो की दर से) और 14,915 टन चावल (22 रुपये प्रति किलो की दर से) मिला है.
दक्षिणी राज्यों में से केरल ने अब तक 1,967 टन और कर्नाटक ने 9,609 टन चावल लिया है. ये पूछे जाने पर कि क्या कार्ड धारकों को चावल मुफ्त में दिया जाएगा जैसा कि तमिलनाडु मुख्यमंत्री पलानीस्वामी द्वारा मांग की गई है के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘ये निती आधारित फैसला है’ जो सरकार के अंतर्गत आता है.